Kalank Chaturthi 2023: आज यदि गलती से भी दिख जाए चांद, तो तुरंत करें ये उपाय, वरना पूरे साल होगा पछतावा!

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Kalank Chaturthi 2023: आज 18 सितंबर सोमवार को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत हो गई है. तिथि का समापन 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर होगा. गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से दोष लगता है और हम पर तरह-तरह के झूठा आरोप लगते हैं.

जानिए क्या कहते हैं काशी के ज्योतिष
काशी के ज्योतिष श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य के अनुसार हिंदू धर्म में उदयातिथि सर्वमान्य होती है. इसलिए भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश की पूजा 19 सितंबर को की जाएगी. हालांकि तिथि की शुरुआत आज 18 सितंबर की दोपहर से ही हो गई है. ऐसे में चुतुर्थी का चांद यानी चौथ चंदा, जिसे कलंकित चांद भी कहा गया है, जिसके दर्शन से हमारे ऊपर गलत दोष आरोप लगते हैं, उस चांद का उदय आज ही होगा. ऐसे में आज के दिन भूलकर भी चांद का दर्शन ना करें. वरना आप पर झूठा आरोप लगेगा.

ज्ञात हो कि वैदिक ज्योतिष में हर समस्या का समाधान है. ऐसे में अगर आप जानें अनजाने में भी कलंकित चांद का दर्शन कर लिए हैं, तो उससे भी मुक्ति के उपाय बताए हैं. आइए जानते हैं कलंक चतुर्थी पर चांद देखने के बाद उस दोष से मुक्ति के लिए क्या करें?

इस उपाय से दूर होगा चंद्र दोष
कलंक चतुर्थी की रात को चंद्र दर्शन करने पर व्यक्ति को भविष्य में झूठा कलंक लगने का भय बना रहता है. ऐसे में व्यक्ति को गणेश चतुर्थी पर अगर आप चांद को देख लें तो बिल्कुल घबराएं नहीं और इस दोष को दूर करने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें.

अगर आप को कलंक चतुर्थी पर चांद दिख जाए तो सबसे पहले स्नान करें और विघ्न-बाधा दूर करने वाले गणपति की फल-फूल चढ़ाकर पूजा करें. साथ ही पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किसी गरीब ब्राम्हण को सफेद चीजों का दान करें. इसके साथ ही मंत्र “सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः, सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥” का एक माला जाप करें. यदि संभव हो तो स्मयंतक मणि की कथा सुने या पढ़ें. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं.

जानिए क्यों नहीं करते चांद का दर्शन
दरअअसल, पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन है कि चंद्रमा ने गणेशजी के पेट और गजमुख स्वरूप को देखकर हंस दिया. जिससे गणेश जी क्रोधित हो गए. इसके बाद उन्होंने चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा तुम्हें अपने रूप पर बड़ा गर्व है, इसलिए तुम्‍हारा क्षय हो जाएगा और कोई तुम्हें नहीं देखेगा. अगर कोई तुम्हें देखेगा तो उसे कलंक लगेगा. ऐसी मान्यता है कि श्राप के कारण ही चंद्रमा का आकार हमेशा घटता बढ़ता रहता है. बताया जाता है कि श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा ने शिव जी की उपासना की. जिसके बाद शिवजी ने चंद्रमा को गणेश जी से विनती करने को कहा. गणेश जी ने कहा कि मेरे श्राप का असर समाप्‍त नहीं होगा, लेकिन इसके प्रभाव को घटा देता हूं. इससे 15 दिन तुम्‍हारा क्षय होगा लेकिन फिर बढ़कर तुम पूर्ण रूप प्राप्‍त करोगे. साथ ही भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी के दिन जो तुम्‍हें भूलकर भी देखेगा उसे कलंक लगेगा.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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