World Ozone Day: क्‍यों मनाया जाता है ओजोन संरक्षण दिवस, जानें इस वर्ष की थीम  

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World Ozone Day 2023: दुनिया में हर साल 16 सितंबर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस या विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. यह दिन ओजोन परत को बचाने के लिए अपनाए गए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को प्रमुख रूप से रेखांकित करता है. बता दें कि ओजोन परत को पृथ्‍वी की छतरी परत भी कहा जाता है. ओजोन परत की महत्व को याद रखने और उसकी सुरक्षा को कायम रखने हेतु प्रयास करते रहने के लिए हर साल विश्‍व ओजोन दिवस मनाया जाता है.  

ओजोन गैस
आपको बता दें कि ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों  को अवशोषित कर लेती है, जिससे वे पृथ्वी की सतह तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस परत में ओजोन O3 की बहुत ही अधिक मात्रा होती है जो कि एक नीले रंग की तीखी गंध वाली गैस होती है. जब ओजोन परत में पराबैंगनी किरणें पड़ती हैं, तो उससे ओजोन के अणु टूट कर ऑक्सीजन अणु और एक मुक्त आक्सीजन परमाणु बनाते हैं जो फिर प्रतिक्रिया कर ओजोन बन जाते हैं.

ओजोन परत

इस सब में पराबैंगनी किरणों की ऊर्जा खर्च जो जाती है. यदि ये किरणे पृथ्वी की सतह पर पहुंचती, तो पृथ्वी पर जीवन के हर रूप के लिए हानिकारक होती है. पिछले कई दशकों से वायुमंडल में बढ़ रही ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन ने ओजोन परत को बहुत नुकसान पहुंचाया है. पहले इस परत को कुछ खास तरह के प्रदूषक पदार्थों के कारण उत्सर्जित क्लोरीन और ब्रोमीन जैसी गैसें बहुत अधिक नुकसान पहुंचा रही थीं, लेकिन दुनिया के देशों ने सख्त नियम अपना कर इन पदार्थों के उत्सर्जन पर लगाम लगाई थी.

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का मुख्य उद्देश्य  वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी जानकारी में विकास के आधार पर उनके उन्मूलन के अंतिम उद्देश्य के साथ, इसे नष्ट करने वाले पदार्थों के कुल वैश्विक उत्पादन और खपत को नियंत्रित करने के उपाय करके ओजोन परत की रक्षा करना है। ये नियम 16 सितंबर 1987 को ही दुनिया के देशों ने मिल कर इस प्रोटोकॉल को अपनाया था, और उन पदार्थों के उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया था. जिससे ओजोन परत का क्षरण कम होने लगा था. इस प्रोटोकॉल के लागू होने के 30 साल बाद साल 2017 में पाया गया  कि ओजोन परत में हुआ छेद बंद हो गया है.  अनुमान है कि यह असर अगले 100 साल तक कायम रह पाएगा.

इस वर्ष की थीम
साल 2023 में विश्व ओजोन दिवस की थीम “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: फिक्सिंग द ओजोन लेयर एंड रिड्यूसिंग दे क्लाइमेंट चेंज” यानि “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: ओजोन परत की मरम्मत और जलवायु परिवर्तन को कम करना” रखा गया है. यह थीम मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के सफल प्रभाव को रेखांकित करने के साथ दोहराती है कि इसका जलवायु परिवर्तन पर कितना अच्छा असर देखने को मिला था. इसमें हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसे पदार्थों के उपयोग को चरणबद्ध किंतु निश्चित तरीकों से खत्म किया गया था.

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