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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के पार्थिव शरीर अब उनके परिवारों को सौंपे जा रहे हैं. कई परिवारों को इस हादसे ने गहरे शोक में डुबो दिया. रविवार को वडोदरा की कल्पना प्रजापति और बोटाद के हार्दिक अवैया की अंतिम यात्रा ने पूरे समुदाय को भावुक कर दिया. जैसे-जैसे डीएनए मिलान और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी हुईं, मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए.
बेटे ने कल्पना प्रजापति को दी मुखाग्नि
वडोदरा की रहने वाली कल्पना बेन प्रजापति का पार्थिव शरीर ग्रीन कॉरिडोर के जरिए उनके घर पहुंचा. जैसे ही शव कॉफिन में उनके निवास स्थान पहुंचा, परिवार और पड़ोसी बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. हर आंख नम थी, किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि अब कल्पना उनके बीच नहीं हैं. उनकी अंतिम यात्रा मंजलपुर श्मशान घाट तक पहुंची, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ. बेटे ने कल्पना प्रजापति को मुखाग्नि दी. मीडिया से बात करते हुए बेटे ने कहा, गवर्नमेंट से हमें पूरा सहयोग मिला है. डीएनए मैच होने के बाद दस्तावेज संबंधी कार्य पूरा किया गया और फिर हमें शव दिया गया.
अडताला गांव में गम का माहौल
वहीं, बोटाद जिले के अडताला गांव में जैसे ही हार्दिक अवैया का पार्थिव शरीर पहुंचा, गांव में कोहराम मच गया. उनके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. बताया जाता है कि हार्दिक के पिता देवराज अवैया ने अपनी जमीन बेचकर उन्हें लंदन पढ़ने भेजा था. तीन वर्ष से हार्दिक लंदन में पढ़ाई और काम कर रहे थे. हाल ही में वो अपनी एक दोस्त से मिलने के लिए आए थे. अंतिम संस्कार के समय पुलिस और मेडिकल टीम उपस्थित रही. अडताला गांव में गम का माहौल था और हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे. गांव के एक स्थानीय व्यक्ति हसमुख गाबानी ने कहा, हार्दिक होनहार था. पूरे गांव को उस पर गर्व था. उसकी अचानक मौत से हम सब टूट गए हैं.