Shardiya Navratri 2023: मां दुर्गा क्‍यों करती हैं शेर की सवारी, जानिए इसके पीछे की रोचक कहानी

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Shardiya Navratri 2023: शक्ति के अराधना के महापर्व की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा पृथ्वी लोक में विचरण करती हैं और अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करती हैं. नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक आदिशक्ति मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा अपने नौ अलग स्वरूपों में नौ अलग वाहनों पर सवार होती हैं, परंतु आदिशक्ति मां दुर्गा मुख्य रूप से हमेशा शेर की सवारी करती हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि शेर कैसे बना मां दुर्गा का वाहन, आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी…

जानिए कैसे बना शेर मां का वाहन
पोराणिक कथाओं के अनुसार एक बार कैलाश पर्वत पर मां पार्वती और शिवजी साथ बैठे हुए थे. इस दौरान दोनों एक दूसरे से हंसी मजाकर कर रहे थे. मजाक-मजाक में भगवान शिव ने पार्वती जी को काली कह दिया. यह बात पार्वती जी को बहुत खराब लगी और वे नाराज होकर वन में चली गईं. मां पार्वती वन में घोर तपस्या करने लगी. इस दौरान एक भूखा शेर देवी को अपना आहार बनाने की इच्छा से आया, किंतु उनको तपस्या में लीन देखककर शेर वहीं इंतजार में बैठ गया.

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मां पार्वती ने लिया गोरा होने का प्रण
माता पार्वती की तपस्या को देख शेर चुपचाप सालों तक बैठा रहा. इधर मां पार्वती ने प्रण कर लिया था, कि जब तक वो गोरी नहीं हो जाएंगी, तब तक वह यहीं तपस्या करेंगी. मां की तपस्या से भगवान शिव प्रकट हुए और गोरा होने का वरदान देकर चले गए. मां पार्वती प्रतिज्ञा पूरी होने के बाद नदी में स्नान की. इस दौरान उन्होंने देखा कि शेर उनके साथ ही तपस्या में यहां सालों से बैठा रहा है. इसे देख माता प्रसन्न हो गईं और उसे वरदान स्वरूप अपना वाहन बना बना लीं. तब से मां की सवारी शेर हो गया. शेर की सवारी करने के कारण वे शेरावाली कहलाईं.

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जानिए महत्व
आपको बता दें कि मां दुर्गा शक्ति, तेज और सामर्थ्य का प्रतीक हैं. उनकी शक्ति के आगे किसी में भी टिकने का सामर्थ्य नहीं है. शेर में आक्रामकता, शक्ति और शौर्य है. उसकी दहाड़ के समक्ष हर ध्वनि कमजोर प्रतीत होती है. कहा जा सकता है कि मां दुर्गा का वाहन बनने के लिए शेर में पर्याप्त गुण मौजूद हैं. इसलिए मां दुर्गा ने शेर को अपने वाहन के रूप में चुना और वे शेर पर सवार होती हैं.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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