अपनी सुरक्षा, संप्रभुता व हितों की रक्षा करेगा चीन, ट्रंप के शुल्क बढ़ाने की धमकी पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Xi Jinping: हाल ही में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के शुल्‍क बढ़ाने की धमकी पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने ट्रंप को आगाह करते हुए कहा कि अमेरिका और चीन के बीच शुल्क तथा प्रौद्योगिकी की लड़ाई में जीत किसी की नहीं होगी तथा बीजिंग अपने हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा.

इस लड़ाई में कोई नहीं होगा विजयी

शी जिनपिंग का यह बयान 20 जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की बागडोर संभालने से पहले आया है. चीनी राष्‍ट्रपति ने बीजिंग में विश्व बैंक (डब्ल्यूबी), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सहित 10 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ की गई बैठक में कहा कि शुल्क, व्यापार तथा प्रौद्योगिकी की लड़ाई आर्थिक कानूनों के विपरीत हैं और इनमें कोई भी विजयी नहीं होगा.

अपने हितों की दृढ़तापूर्वक रक्षा करेंगा चीन

बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने अमेरिका के साथ संबंधों के लिए चीन के सिद्धांतों पर जोर देते हुए कहा कि चीन सदैव अपने मामलों पर ध्‍यान देगा और अपनी संप्रभुता, सुरक्षा एवं विकास से जुड़े हितों की दृढ़तापूर्वक रक्षा करेगा. इसें साथ ही चीन मुक्त अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा. शी जिनपिंग ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ‘‘बहुत अच्छे संबंध हैं.’’

ट्रंप ने चीन को दी धमकी

सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच इस सप्ताह में बातचीत हुई है, लेकिन दोनों देशों में से किसी की ओर से भी इसकी पुष्टि नहीं की गई है. वहीं, अमेरिका में चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने अमेरिका को चीनी निर्यात पर 60 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी साथ ही ये भी कहा था कि यदि बीजिंग फेंटेनाइल पर अंकुश लगाने में विफल रहता है तो वह 10 प्रतिशत अधिक शुल्क लगा देंगे, जिसपर शी ने कहा कि सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मिलजुल कर करना चाहिए काम

चीनी राष्‍ट्रपति ने कहा कि सभी देशों को एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए, डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कार्बन का कम उत्सर्जन होने वाली प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाना चाहिए इसके साथ ही आर्थिक विकास के भी नए स्रोत खोजने चाहिए.

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