अब बर्फ कम करेगा आपके बिजली का बिल…, न्यूयॉर्क से लेकर कैलिफोर्निया तक गेमचेंजर मानी जा रही है ये टेक्नोलॉजी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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ICE Battery Technology: आज के समय में लोगों के अंदर गर्मी बर्दाश्‍त करने की क्षमता कम हो गई है, उन्‍हें हर जगह ठंडक ही चाहिए, वो घर हो, ऑफिर हो या फिर ट्रेवल के लिए कार या ट्रेन. लेकिन इस ठंडक के लिए जहां हमें भारी भरकम कीमत अदा करनी होती है, वहीं पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या हम बिना ज्यादा खर्च और प्रदूषण के भी ठंडी हवा का मजा ले सकते हैं? जवाब है-जी हाँ. और उसका नाम है आइस बैटरी यानी बर्फ की बैटरी.

बता दें कि ये तकनीक रात को बिजली से बर्फ बनाती है और दिन में उसी बर्फ से इमारतों को ठंडा रखती है. जिससे बिजली के बिल में भारी कटौती करने के साथ ही पर्यावरण को भी राहत दिया जा सकता है. ऐसे में चलिए विस्‍तार से जानते है कि इस आइस बैटरी के बारे में…

इस तकनीक को टिकाऊ बनाने की जद्दोजहद

दरअसल, हाल ही में टेक्सास ए&M यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस टेक्नॉलॉजी को और टिकाऊ बनाने पर रिसर्च की. इस दौरान उन्होंने सॉल्ट हाइड्रेट्स का इस्तेमाल किया. यानी ऐसे नमक जो अपने क्रिस्टल स्ट्रक्चर में पानी के मॉल्यूक्यूल रखते हैं. इससे सिस्टम की सबसे बड़ी समस्या, फेज सेग्रिगेशन (जहाँ नमक और पानी अलग हो जाते हैं और सिस्टम बिगाड़ देते हैं), को कम करने की कोशिश की गई.

घर-ऑफिस या दुकान कहीं पर भी लगा सकते है ये बैटरियां

इस दौरान टीम ने पाया कि बेरियम जोड़ने से जमने की प्रक्रिया और भी स्मूथ हो गई. यानी आइस बैटरीज अब लंबे समय तक चल सकती हैं और HVAC सिस्टम्स के साथ बेहतर तालमेल बैठा सकती हैं. हालांकि अब तक आइस बैटरियों को बड़े ऑफिस टॉवर, अस्पताल और होटल जैसी इमारतों में ही लगाई जाती रही हैं, क्योंकि इनका साइज बहुत बड़ा होता है. लेकिन अब आइस बियर और आइस क्यूब जैसे छोटे मॉडल आ रहे हैं, जिन्हें घरों या छोटी दुकानों में भी लगाया जा सकेगा.

न्यूयॉर्क से लेकर कैलिफोर्निया तक पॉपुलर

इस आइस बैटरी के कामों की न्यूयॉर्क की एक बैंक बिल्डिंग शानदार मिसाल है. न्यूयॉर्क में पार्किंग जितने बड़े 100 टैंकों में हर रात इतनी बर्फ बनाई जाती है कि उससे 3 मिलियन मार्घरीटा( पिज्जा की एक वैराएटी) तैयार हो सकें. जबकि कैलिफ़ोर्निया में Nostromo Energy नाम की कंपनी अपने आइस ब्रिक सिस्टम के माध्‍यम से 193 इमारतों में यह तकनीक लगाने की तैयारी कर रही थी. इतना ही नहीं, Trane Technologies जैसी कंपनियों का दावा है कि उनके आइस बैटरी सिस्टम से 40% तक कूलिंग कॉस्ट घटाई जा सकती है.

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