अब इस देश ने अमेरिका को दिया झटका, Hawk की जगह भारत से खरीदेगा SAM मिसाइल

Akash missile : फिलिपींस ने भारत के साथ एक मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम (SAM) खरीदने को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू की है. बता दें कि यह सिस्टम फिलिपींस एयरफोर्स की पुरानी अमेरिकी बनाई मिसाइलों की जगह लेगा, जिन्हें 1990 के दशक में खरीदा गया था.

प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलिपींस एयरफोर्स Clark Air Base पर केवल एक अपग्रेडेड HAWK XXI सिस्टम चला रही है. यह सिस्‍टम काफी पुराना हो चुका है और इसमें सीमित क्षमता भी. यह लड़ाकू विमानों को लगभग 40-45 किलोमीटर और क्रूज मिसाइलों को 20-25 किलोमीटर की दूरी पर इंटरसेप्ट कर सकता है. यही कारण है कि इसके रखरखाव और संचालन में लगातार कठिनाइयां आ रही हैं.

भारत ने इस मिसाइल सिस्टम की पेशकश की

ऐसे में फिलिपींस की जरूरतों को देखते हुए भारत ने Akash-1S मिसाइल सिस्टम की पेशकश की है. बता दें कि इस सिस्‍टम को भारत डायनैमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा बनाया जाता है और साथ ही भारतीय सेना तथा वायुसेना में पहले से इस्तेमाल हो रहा है. अगर इसके क्ष्मताकी बात करें तो इस मिसाइल सिस्टम की क्षमता लड़ाकू विमानों को लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर और क्रूज मिसाइलों को 30 किलोमीटर तक मार गिराने की है. बता दें कि यह एक मोबाइल सिस्टम है जिसे 8×8 भारी सैन्य वाहनों पर ले जाया जा सकता है. इसके साथ एक कमांड पोस्ट और 3D रडार सिस्टम होता है, जो लक्ष्य को पहचानने और ट्रैक करने में सक्षम है.

फिलिपींस की हवाई सुरक्षा को करेगा मजबूत

इसके साथ ही यह सिस्टम तेजी से तैनात किया जा सकता है और कठिन मौसम में भी काम करता है. इसे  सबिक बे, क्लार्क एयरबेस और पलवान जैसे संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त माना जा रहा है. सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह सिस्टम चीन के साथ बढ़ते समुद्री तनाव की स्थिति में फिलिपींस की हवाई सुरक्षा को मजबूत करेगा.

मिसाइल प्रणाली की जताई इच्छा

फिलिपींस ने शुरुआत में 50 से 80 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल प्रणाली की इच्छा जताई थी. ऐसे में भारत ऐसी लंबी रेंज वाली Akash-NG पर काम कर रहा है, फिलहाल अभी उसका परीक्षण पूरी तरह सफल नही हुआ है और निर्यात के लिए मंजूर नहीं हुई है. इसी वजह से फिलिपींस को अभी Akash-1S ही विकल्प के तौर पर दिया गया है. QRSAM रेंज के हिसाब से कम है और MRSAM-ER में संवेदनशील तकनीक है, इसलिए उनका निर्यात संभव नहीं है.

मिसाइल डील के बाद एक और बड़ी उपलब्धि

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह सौदा तय हो जाता है तो इसकी कीमत लगभग 200 मिलियन डॉलर हो सकती है. यह भारत और फिलिपींस के बीच रक्षा सहयोग में ब्रह्मोस मिसाइल डील के बाद एक और बड़ी उपलब्धि होगी.

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