ASEAN Meeting: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि पर चीन हस्ताक्षर करने के लिए राजी हो गया है. इसकी पुष्टि चीन और मलेशियां के विदेश मंत्रियों द्वारा की गई है. चीन का यह कदम आसन्न अमेरिकी टैरिफ के खतरे के बीच बढ़ते वैश्विक सुरक्षा तनाव से क्षेत्र को बचाने के लिए उठाया गया है.
बीजिंग की इस प्रतिबद्धता का गुरुवार को दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए राजनयिकों के एकत्र होने पर स्वागत किया गया. वहीं, इस बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करेंगे.
बिना किसी हिचकिचाहट के संधि पर हस्ताक्षर करेगा चीन
दरअसल, मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने बताया कि चीन ने दक्षिण-पूर्व एशियाई परमाणु हथियार-मुक्त क्षेत्र (SEANWFZ) संधि पर हस्ताक्षर करने की अपनी इच्छा की पुष्टि की है. बता दें कि यह समझौता 1997 से लागू है और इस क्षेत्र में परमाणु गतिविधियों को ऊर्जा उत्पादन जैसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों तक ही सीमित रखता है.
मोहम्मद हसन ने कहा कि चीन ने यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई है कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के संधि पर हस्ताक्षर करेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सभी संबंधित दस्तावेज़ पूरे होने के बाद औपचारिक हस्ताक्षर किए जाएंगे.
लंबे समय से आसियान कर रहा था ये आग्रह
दरअसल, ASEAN लंबे समय से दुनिया की पांच मान्यता प्राप्त परमाणु शक्तियों चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम से इस समझौते पर हस्ताक्षर करने और क्षेत्र की गैर-परमाणु स्थिति का सम्मान करने का आग्रह करता रहा है, जिसमें इसके अनन्य आर्थिक क्षेत्र और महाद्वीपीय तट भी शामिल हैं. बता दें कि पिछले हफ़्ते, बीजिंग ने इस संधि का समर्थन करने और परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच उदाहरण प्रस्तुत करने की अपनी तत्परता का संकेत दिया.
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