Discover New Earth: गोलविदों ने की एक नए ग्रह की खोज, जानें इसकी खासियत

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Discover New Earth: गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने एक नए ग्रह की खोज की है. जिसका आकार पृथ्वी के समान है. खगोलविदों द्वारा खोजे गए इस नए ग्रह का नाम स्पेकुलोस-3बी है और यह पृथ्वी के अपेक्षाकृत, केवल 55 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. जानकारी के मुताबिक, यह ग्रह बृहस्पति के आकार के एक अल्ट्राकूल बौने तारे की परिक्रमा करता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह बौना तारा हमारे सूर्य से दोगुना ठंडा है, इसके साथ ही 10 गुना कम विशाल है और 100 गुना कम चमकदार है. हर 17 घंटे में स्पेक्युलोस-3बी एक बार लाल बौने तारे के चारों ओर घूमता है, जिससे ग्रह पर एक वर्ष पृथ्वी के एक दिन से छोटा हो जाता है.

हैरान करने वाली बातें

बेल्जियम में लीज वि.वि. के खगोलशास्त्री और अध्ययन के प्रमुख लेखक माइकल गिलोन (Michael Gillon) ने बताया कि अपनी छोटी कक्षा के कारण, स्पेक्युलोस-3बी को पृथ्वी द्वारा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की तुलना में प्रति सेकंड लगभग कई गुना अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है. “हम मानते हैं कि ग्रह समकालिक रूप से घूमता है, इसलिए एक ही पक्ष, जिसे दिन का पक्ष कहा जाता है, हमेशा तारे का सामना करता है, जैसे चंद्रमा पृथ्वी के लिए करता है. दूसरी ओर, रात का पक्ष अंतहीन अंधेरे में बंद हो जाता है.”

वैज्ञानिकों ने कही यह बात

नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित यह खोज स्पेकुलोस परियोजना द्वारा की गई थी, जिसका नेतृत्व बेल्जियम में लीज विश्वविद्यालय ने बर्मिंघम, कैम्ब्रिज, बर्न और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालयों के सहयोग से किया था. SPECULOOS की स्थापना दुनिया भर में स्थित रोबोटिक दूरबीनों के नेटवर्क का उपयोग करके अल्ट्रा-कूल ड्वार्फ सितारों की परिक्रमा करने वाले एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए की गई थी.

तारों का जीवनकाल

अति-ठंडे लाल बौने तारे हमारी आकाशगंगा में करीब 70 प्रतिशत तारे बनाते हैं. इनका जीवनकाल करीब 100 अरब वर्षों का होता है. Space.com के मुताबिक, लाल बौने तारों का जीवनकाल असाधारण रूप से लंबा होता है. क्योंकि, वे सूर्य से हजारों डिग्री ठंडे होते हैं. जबकि, अल्ट्राकूल बौने तारे हमारे सूर्य की तुलना में ठंडे और छोटे होते हैं, इसलिए उनका जीवनकाल सौ गुना अधिक होता है.

अल्ट्राकूल ड्वार्फ का छोटा आकार छोटे ग्रहों का पता लगाना बनाता है आसान

बर्मिंघम विवि. के प्रोफेसर अमौरी ट्रायड ने बताया कि ”अल्ट्राकूल ड्वार्फ का छोटा आकार छोटे ग्रहों का पता लगाना आसान बनाता है. उन्‍होंने ने बताया कि ”SPECULOOS-3b इस मायने में खास है कि इसके तारकीय और ग्रहीय गुण इसे वेब के लिए एक इष्टतम लक्ष्य बनाते हैं, जो इसकी सतह बनाने वाली चट्टानों की संरचना के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम है.”

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