‘विदेशी चरमपंथियों के लिए पनाहगाह नहीं बनेगा मलेशिया’, बांग्लादेशी नागरिकों को ‘उग्रवादी’ कहकर किया डिपोर्ट

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

BangladeshMalaysia: मलेशिया द्वारा तीन बांग्लादेशी नागरिकों का वापस उनके देश भेजा गया है. मलेशियाई पुलिस ने इन लोगों को वापस बांग्लादेश भेजते हुए उन्‍हें उग्रवादी कहा था. लेकिन इनके वापस बांग्‍लादेश आने के बाद गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि हाल ही में मलेशिया से वापस लाए गए तीन बांग्लादेशी आतंकवादी नहीं हैं.

दरअसल, मीडिया से बातचीत के दौरान जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि “वे आतंकवादी नहीं हैं… उनके वीजा की अवधि खत्म हो गई थी. बांग्लादेश में कोई आतंकवादी नहीं है और मलेशिया से वापस भेजे गए लोगों का भी आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है. 

मलेशियाई गृह मंत्री का बयान

बता दें कि मलेशियाई पुलिस ने जून में कट्टरपंथी ISIS शैली से जुड़े 36 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद मलेशियाई गृह मंत्री ने कहा था कि “शरणार्थियों और प्रवासियों के नाम पर मलेशिया विदेशी चरमपंथियों के लिए पनाहगाह नहीं बनेगा!”

मलेशिया अधिकारियों के बयान के सवाल पर प्रतिक्रिया

वहीं, इस मामले में पर मलेशियाई पुलिस प्रमुख के बयान को लेकर किए गए सवाल पर सलाहकार ने कहा कि “मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्होंने लौटने वालों को उग्रवादी कहा है या नहीं. हमें इस संबंध में मलेशिया से कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है. लेकिन, हमारे विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर पहले ही एक बयान जारी कर दिया है.” इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि पिछले दस महीनों में देश में उग्रवाद की कोई रिपोर्ट नहीं आई है. हालांकि देश में हिंसा के मामले अपने चरम पर हैं.

दोनों देशों के साथ बातचीत जारी

बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने के बाद इस पूरे मामले में मलेशिया ने औपचारिक रूप से स्पष्टीकरण मांगा है…इस सवाल पर जहांगीर आलम ने कहा कि राजनयिक चैनलों के जरिए बातचीत जारी है. इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी दोहराया कि इस्लामिक स्टेट या इसी तरह के अन्य समूहों के स्थानीय स्तर पर सक्रिय होने के कोई संकेत नहीं हैं. जहांगीर आलम ने कहा कि आतंकवाद से संबंधित समाचार कवरेज का अभाव जमीनी स्थिति को दर्शाता है.

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