कनाडाई पीएम कार्नी को पसंद आया US का गोल्डेन डोम, मिसाइल रक्षा प्रणाली में शामिल करने की तैयारी

Raginee Rai
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Canada: कनाडा के पीएम मार्क कार्नी को भी अमेरिका का गोल्डन डोम पसंद आ गया है. अमेरिका के प्रस्तावित ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कनाडा अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है. बुधवार को पीएम कार्नी ने इसकी पुष्टि की है. यह बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली भविष्य में अमेरिका की मिसाइल रक्षा क्षमताओं को अंतरिक्ष तक विस्तारित करेगी. कनाडा भी इसे अपने मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम में शामिल करना चाहता है.

बता दें कि यह कार्यक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में विकसित किया गया है और इसकी अनुमानित लागत 175 अरब अमेरिकी डॉलर है. ट्रंप का कहना है कि उनका लक्ष्य है कि यह सिस्‍टम 2029 तक पूर्ण रूप से लागू हो जाए, जो उनके संभावित दूसरे कार्यकाल का अंतिम वर्ष होगा.

कनाडा की प्राथमिकता: नागरिकों की सुरक्षा

कनाडाई पीएम कार्नी ने कहा, “क्या यह कनाडा के लिए एक अच्छा विचार है? हां, अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना जरूरी है.” उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप से सीधी बातचीत हुई है और फिलहाल वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कनाडा सरकार ने उनकी टीम से संपर्क किया है और संकेत दिया है कि वे इस रणनीतिक परियोजना में शामिल होना चाहती है. राष्‍ट्रपति ट्रंप ने भरोसा जताया कि अमेरिका और कनाडा मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि ओटावा इस प्रणाली में उपयुक्त योगदान दे सके.

गोल्डन डोमकी कार्यप्रणाली

‘गोल्डन डोम’ प्रणाली का उद्देश्य संभावित मिसाइल हमलों को 4 चरणों में रोकना है.

  • प्रक्षेपण से पहले लक्ष्य का पता लगाना और उसे नष्ट करना.
  • उड़ान की शुरुआती अवस्था में मिसाइल को रोकना.
  • मध्य-उड़ान चरण में हवा में ही मिसाइल को तबाह कर देना.
  • आखिरी चरण मेंजब मिसाइल लक्ष्य तक पहुंचने वाली हो, उस समय उसे रोकना.

इस प्रणाली में जमीन और अंतरिक्ष आधारित दोनों प्रकार की क्षमताओं का इस्‍तेमाल किया जाएगा. पीएम कार्नी ने इस पर भी बल दिया कि कनाडा को निकट भविष्य में संभावित मिसाइल खतरों का सामना करना पड़ सकता है और इस प्रकार की सिस्‍टम में शामिल होना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से विवेकपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा कि “हम गंभीरता से इस पर विचार कर रहे हैं, और इसे उच्च स्तर पर चर्चा के लिए उठाया गया है.”

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