यूरेनियम के बाद चीन ने ढूंढ निकाला जिरकोनियम का खजाना, परमाणु रिएक्टरों में होता है इस्तेमाल

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China: चीन के हाथ बड़ा खजाना लगा है. चीन ने यूरेनियम के बाद जिरकोनियम का खजाना ढूंढ निकाला है. झिंजियांग प्रांत में तारिम बेसिन के उत्तरी किनारे पर चीन को इसका विशाल भंडार मिला है. यह मुख्य रूप से परमाणु रिएक्टरों में इस्‍तेमाल होता है. इससे कई घातक हथियार भी बनाए जा सकते हैं. चीन की इस खोज के बाद माना जा रहा है कि जिरकोनियम का विशाल भंडार ग्‍लोबल लेवल पर खनिज संसाधनों की आपूर्ति व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकती है.

पहले यूरेनियम का भंडार मिला

हाल ही में चीन ने धरती से छह हजार फीट नीचे यूरेनियम का भंडार खोजा था. परमाणु बम बनाने में इसका इस्तेमाल होता है. वहीं अब चीन ने कुबाई बेसिन में जिरकोनियम को खोज निकाला है. अनुमान है कि यहां पर 20 लाख टन जिरकोनियम ऑक्साइड है. यह चीन में जिरकोनियम के वर्तमान भंडार से तकरीबन चार गुना ज्यादा है. दरअसल चीन के पास अभी कुल 5 लाख टन जिरकोनियम का भंडार है. इसमें से ड्रैगन को तकरीबन 90 फीसदी तक आयात करना पड़ता है.

क्या होता है जिरकोनियम?

जिरकोनियम एक सफेल रंग की धातु है जो बेहद प्रतिरोधी मानी जाती है. इसका रासायनिक प्रतीक Zr है और परमाणु संख्या 40 है. यह बेहद हल्की धातु होती है, लेकिन मजबूती में इसका कोई तोड़ नहीं है. यह गर्मी और रासायनिक प्रक्रिया से नहीं टूटती. खासतौर से न्यूट्रॉन को बहुत ही कम अवशोषित करती है, इसीलिए इसे परमाणु रिएक्टरों में उपयोगी माना जाता है.

यह उच्च तापमान सहन कर सकती है. इसका प्रयोग परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में फ्यूल रॉड क्लैडिंग बनाने में होता है. एयरोस्पेस में इससे रॉकेट नोज, स्क्रैमजेट इंजन बनते हैं. यह गाइडेड मिसाइल का एक अहम घटक है. इससे हीट शील्ड भी तैयार की जाती है. इसके अलावा ज्वैलरी में भी जिरकोन रत्न के तौर पर इसका इस्‍तेमाल होता है.यह जिरकोन नामक घटक से मिलता है जो मुख्यत: रेत या चट्टानों में पाया जाता है.

नदियों और झीलों से उत्पत्ति

जिरकोनियम के बारे में अब तक ये बात कही जाती थी कि ये समुद्रतटीय क्षेत्रों में मिलता है, हालांकि कुबाई बेसिन में यह प्राचीन नदी और झील से बना है. यहां जो क्षारीय चट्टानें हैं वे सैकड़ों किमी दूर से कण लाकर जमा की गई हैं. इसमें संकेत मिलता है कि यह अंतर्देशीय मैदान अब भविष्य में खनिज अन्वेषण का केंद्र हो सकते हैं.

चीन सबसे बड़ा जिरकोनियम उपभोक्ता

चीन जिरकोनियम का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, हालांकि अब तक वह खनन में पीछे था और 90 फीसदी से ज्यादा इसका आयात करता था. खास तौर से ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से इसकी आपूर्ति की जाती थी. अब इसका भंडार मिल जाने से काफी हद तक ऑस्ट्रेलिया पर इसकी आपूर्ति का दबाव कम हो जाएगा. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि यदि अमेरिका जिरकोनियम निर्यात पर कंट्रोल बढ़ाता है, चीन का यह खजाना उसकी संप्रभुता का स्तंभ बन सकता है.

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