China–India relations : सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से तनाव है, जो हाल ही में कम तो हुए है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुए है. ऐसे में ही अब चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद के समाधान और सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है.
दरअसल, सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने एक प्रेस ब्रीफिंग में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए संवाद बनाए रखने की इच्छा जाहिर की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद जटिल है, लेकिन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सीमा प्रबंधन और परिसीमन पर बातचीत करने के लिए तैयार है.
दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का संकेत
चीनी विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में भारतीय रंक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन दौरे से वापस आएं है. हालांकि चीन के इस बयान ने एशिया महाद्वीप के दो सबसे बड़े देशों के बीच तनाव कम करने और विश्वास बहाली की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं. माओ निंग ने कहा कि “भारत-चीन के साथ सीमा निर्धारण वार्ता और सीमा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर संवाद बनाए रखने के लिए तैयार है. हम संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने और सीमा पार विनिमय और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
चीनी विदेश मंत्री का यह बयान दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है और दोनों देश समय-समय पर इस मुद्दे पर बातचीत करते रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष के साथ की बैठक
बता दें कि 25 जून, 2025 को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए चीन के किंगदाओ का दौरा किया था. साल 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद भारतीय रक्षा मंत्री का यह पहला उच्च-स्तरीय चीन दौरा था. इस दौरान भारतीय रक्षामंत्री ने अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जुन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी. दोनों देशों के नेताओं के बीच हुई इस बैठक में सीमा पर शांति और स्थाई समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
रक्षामंत्री ने इन मुद्दों पर दिया जोर
इस बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने प्रस्तावित किया कि दोनों देशों को एक रोडमैप के तहत जटिल मुद्दों को हल करना चाहिए, जिसमें डी-एस्केलेशन और सीमा पर तनाव कम करने के कदम शामिल हों. इसके साथ ही उन्होंने साल 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद हुई विश्वास की कमी को दूर करने के लिए “जमीनी स्तर पर कार्रवाई” की आवश्यकता पर बल दिया. इसके अलावा, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को सकारात्मक कदम बताया, जो करीब 6 साल बाद फिर से शुरू हुई.
चीन की प्रतिक्रिया
वहीं, प्रेस बीफ्रिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने जोर देकर कहा कि चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, परिसीमन पर चर्चा करने और सीमा-पार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ संवाद बनाए रखने को तैयार है. हालांकि इस दौरान उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि सीमा विवाद जटिल है और इसके समाधान में समय लगेगा. माओ निंग ने कहा कि दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने और तनाव को प्रबंधित करने पर ध्यान देना चाहिए.
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