China on US in Israel-Iran Conflict: ईरान-इजरायल संघंर्ष में अमेरिका की एंट्री ने तनाव को और भीषण बना दिया है. रविवार को ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी द्वारा हमले को लेकर अब चीन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उसने ईरान में अमेरिका के इन हमलों की निंदा की है. इसके साथ ही अमेरिका को इतिहास न भूलने की हिदायत दी है. चीन का कहा है कि अमेरिका फिर से अपने पुराने रणनीतिक गलतियों को दोहरा रहा है.
चीन ने इराक युद्ध की ओर किया इशारा
चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका द्वारा ईरान पर की गई कार्रवाई को एक बेहद खतरनाक मोड़ करार दिया है. चीन का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी पुरानी राजनीतिक भूलों को फिर से दोहरा रहा है. इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि जब भी मिडिल ईस्ट में सैन्य हस्तक्षेप होता है, तब-तब अनचाहे नतीजे सामने आए हैं. जिसमें लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता शामिल है.” चीन का यह बयान साल 2003 के इराक युद्ध की ओर इशारा करता है.
टकराव के बजाए बातचीत को दी प्राथमिकता
चीन ने अपने बयान में कहा कि एक संतुलित और कूटनीतिक पहल मिडिल ईस्ट में जारी तनाव और सैन्य टकराव के बजाए बातचीत को प्राथमिकता देती है, जो मिडिल ईस्ट में स्थिरता लाने का सबसे अच्छा तरीका है.
अमेरिका ने बी-2 बॉम्बर विमानों के जरिए ईरान पर किया हमला
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-ईरान के बीच जारी युद्ध में सीधे तौर पर शामिल होने की बात कही थी. इस बीच उन्होंने ने एक बड़ा फैसला लेते अमेरिका के मिसौरी स्थित एयरफोर्स बेस से 21 जून को 6 बी-2 बॉम्बर विमानों को गुआम एयर बेस के लिए रवाना कर दिया था, जिसके द्वारा ईरान के तीन न्यूक्लियर साइटों पर हवाई हमला किया गया.
इसी बीच एक अमेरिकी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि छह बी-2 बॉम्बरों विमानों ने 30,000 पाउंड के वजन वाले एक दर्जन बंकर बस्टर बमों से ईरान के सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर साइट फोर्डो पर हमला किया है. इसके अलावा एक बी-2 बॉम्बर विमान ने नतांज और इस्फाहान की न्यूक्लियर साइट्स पर बंकर बस्टर बम गिराए हैं.