DK Shivkumar : काफी समय से कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक इशारों भरा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ‘शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है और वादा निभाना सबसे बड़ी शक्ति है.’ प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके इस बयान को सिद्धारमैया के बाद सत्ता बदलाव की मांग और उससे जुड़े राजनीतिक दबाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
इस दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि ‘शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है, मतलब हमारे लिए अपना वादा निभाना दुनिया की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है. फिर चाहे वो जज हों या भारत के राष्ट्रपति. यही सबसे बड़ी शक्ति है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए.’ इतना ही नही बल्कि इसके बाद उन्होंने ‘कुर्सी’ वाली भी टिप्पणी की और अपने पास खड़े समर्थकों से बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘जो लोग मेरे पीछे खड़े हैं, उन्हें कुर्सी की कीमत नहीं पता. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें जो भी कुर्सियां मिलती हैं, उन पर बैठने के बजाय, वे बेवजह खड़े रहते हैं.’ ऐसे में उनकी इस बात पर वहां मौजूद लोग हंस पड़े.
कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन को लेकर हो सकता फैसला
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस में इस समय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच लीडरशिप को लेकर मतभेद की चर्चा तेज है. इस मामले को लेकर शिवकुमार ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ढाई साल के बाद सीएम बदलने का वादा हुआ था, लेकिन सिद्धारमैया गुट इसे मानने से इनकार करते हैं. ऐसे में सूत्रों का कहना है कि 1 दिसंबर तक कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन को लेकर फैसला हो सकता है.
‘बदलाव अटकलों को और हवा मिली’
इसके साथ ही पिछले कुछ हफ्तों में शिवकुमार के समर्थक विधायक दिल्ली पहुंचकर पार्टी नेतृत्व से मिले हैं, इससे बदलाव अटकलों को और हवा मिली है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि ‘राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मैं मिलकर इसका समाधान निकालेंगे.’ उनके इस बयान पर सिद्धारमैया ने भी कहा कि अंतिम फैसला हाईकमान का होगा. इसके साथ ही शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से खुद के सीएम बनने की मांग से इनकार किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मैंने कुछ नहीं मांगा. उन्होंने ये भी कहा कि नेतृत्व का फैसला कुछ लोगों के बीच का मामला है. मैं पार्टी को कमजोर नहीं दिखाना चाहता.’
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