जापान में आपदा की आशंका, लाखों लोगों की जान पर मडरा रहा खतरा…, JMA ने जारी की ‘महाभूकंप’ की चेतावनी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Earthquake in Japan: जापान में पिछले दिन आए भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई है. मंगलवार को भी होक्काइडो के दक्षिण में आओमोरी के पूर्वी तट पर 7.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें काफी क्षति हुई. इस दौरान कई लोगों को हल्‍की चोटें भी आई है और सड़कों व इमारतों पर भी प्रभाव पड़ा है. वहीं, इस भूकंप के बाद जापान के मौसम विभाग ने एक दुर्लभ “महाभूकंप सलाह” जारी किया है.  रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को आए भूकंप से मामूली अधिकारियों ने कहा कि इस झटके ने क्षेत्र में एक बड़े भूकंप का खतरा बढ़ा दिया है. अधिकारियों का कहना है कि यह चेतावनी कोई पूर्वानुमान नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में 8 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप की संभावना जताई गई है.

अधिकारियों को उम्मीद है कि यह अलर्ट निवासियों को सबसे बुरे हालात के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा, खासकर 2011 की उस आपदा की याद दिलाते हुए जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे और जिसके कारण फुकुशिमा परमाणु आपदा हुई थी.

महाभूकंप की चेतावनी

जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) का कहना है कि आने वाले हफ़्ते में आठ से ज़्यादा तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आने की प्रबल संभावना है. ऐसे में तटीय क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों से सतर्क रहने, आपातकालीन किट तैयार रखने और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत घर खाली करने का आग्रह किया गया है.

क्यों है जापान के उत्तरी भाग में ज़्यादा जोखिम

जेएमए के मुताबिक, सोमवार के भूकंप ने होक्काइडो-सानरिकु तट पर भूकंपीय जोखिम बढ़ा दिया है, जहां प्रशांत प्लेट जापान के नीचे से गुज़रती है और जापान ट्रेंच और चिशिमा ट्रेंच बनाती है. बता दें कि ये क्षेत्र देश के कई सबसे बड़े ऐतिहासिक भूकंपों के लिए ज़िम्मेदार हैं. वहीं, भूकंप की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि साल 2011 के विनाशकारी भूकंप और सुनामी इसी जापान ट्रेंच में हलचल के कारण आए थे.

क्यों है महाभूकंप का खतरा?

जेएमए ने बताया कि साल 2011 के 9.0 तीव्रता वाले महाभूकंप से ठीक दो दिन पहले इसी क्षेत्र में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जो इस सप्ताह देखे गए पैटर्न के समान है. 2011 की सुनामी, जो कुछ क्षेत्रों में 15 मीटर (50 फीट) तक पहुंच गई थी, ने इवाते, मियागी और फुकुशिमा के तटीय समुदायों को तबाह कर दिया था और फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र को नष्ट कर दिया था, जिससे विकिरण के संपर्क में आने का गहरा और दीर्घकालिक भय पैदा हो गया था.

कैसा होगा आने वाला महाभूकंप?

  • जापान की समाचार एजेंसी के मुताबिक, सरकारी अनुमानों में चेतावनी दी गई है कि होक्काइडो-सानरिकु क्षेत्र में एक और अपतटीय महाभूकंप 30 मीटर (98 फुट) ऊंची सुनामी ला सकता है, 1,99,000 लोगों की जान ले सकता है, 2,20,000 संरचनाओं को नष्ट कर सकता है और लगभग 31 ट्रिलियन येन (198 बिलियन डॉलर) का आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है.
  • यदि ऐसी आपदा सर्दियों में आती है, तो 42,000 तक लोग हाइपोथर्मिया से भी पीड़ित हो सकते हैं.
  • वर्तमान परामर्श होक्काइडो से लेकर चिबा प्रान्त तक 182 नगर पालिकाओं तक फैला हुआ है और हाल के वर्षों में जारी किए गए सबसे व्यापक भौगोलिक अलर्ट में से एक है.
  • इस सप्ताह का परामर्श पिछले वर्ष जारी किए गए इसी तरह के परामर्श की तुलना में अधिक सतर्क और विशिष्ट है.
  • 2024 की गर्मियों में, दक्षिणी जापान के लिए एक व्यापक “नानकाई ट्रफ़” महाभूकंप संबंधी चेतावनी ने, इसकी अस्पष्टता के कारण, लोगों में चिंता, घबराहट में खरीदारी और व्यापक रूप से कार्यक्रम रद्द करने का कारण बना.

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