Israel Gaza Conflict: युद्ध विराम समझौता टूटने के बाद से इजरायल की गाजा पर बमबारी जारी है. इजरायल ने रविवार को अल मवासी में हमला किया है, जिसमें 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. दरअसल, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि इस युद्ध का अंत हमास का खात्मा और बंधकों की रिहाई से पहले नहीं होगा. इजरायली सेना ने गाजा पर फिर से कब्जा कर लिया है.
अल-मवासी में भीषण बमबारी
अल जजीरा की खबर के अनुसार, ताजा हमला रविवार को अल-मवासी में हुआ है. ये उन इलाकों में से एक है जिसको अंतरराष्ट्रीय मानवीय क्षेत्र माना जाता है. साथ ही युद्ध से बेघर हुए लोगों के लिए हमले से बचने का एकमात्र सेफजोन है. इस ताजा हमले में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई है. फिलिस्तीनी नागरिको के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है. इजरायली सुरक्षा बलों ने अल-मवासी को भी खाली करने का आदेश दिया है. जिसको अंतरराष्ट्रीय संगठन एथनिक क्लींजिंग के लिए उठाया जा रहा एक और कदम मान रहे हैं.
An Israeli air strike targets the Al Mawasi area in southern Gaza.
Al Mawasi was designated as a “safe-zone” by Israeli forces, but has come under repeated attack during the war. pic.twitter.com/RRB0sBaUx2
— Hamdah Salhut (@hamdahsalhut) April 19, 2025
शिवर टेंटो में फिर आए लाखों लोग
अल-मवासी एक बहुत बड़ा निकासी क्षेत्र है, युद्ध के बाद जहां मुश्किल से ही कोई मानवी सुविधाएं मौजूद हैं. दक्षिण में राफा और खान यूनिस से भागकर आए हजारों लोगों को भी अल-मवासी शिविर में रखा गया है. इजरायल और अमेरिका पहले ही गाजावासियों को गाजा से निकालने और गाजा को अपने नियंत्रण में लेने की मंशा व्यक्त कर चुके हैं.
18 मार्च को इजरायली युद्ध फिर से शुरू होने के बाद से शिविर में टेंटों पर हमले जारी हैं. बता दें कि अल-मवासी इकलौता शिविर नहीं है जिसे निशाना बनाया गया, दूसरे शिवरों पर भी हमले जारी हैं. इसके साथ ही UNRWA और दूसरे आश्रयों को भी निशाना बनाया जा रहा है. अल जजीरा की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते दो दिनों में इसी तरह के हमलों में 90 लोगों की मौत हो चुकी है.
इजरायल ने इन चीजों की एंट्री पर लगाया प्रतिबंध
2 मार्च से इजरायल ने गाजा में फूट, फ्यूल और एड की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. मानवीय समूहो ने चेतावनी दी है कि खाना खत्म हो रहा है. ऑक्सफैम की नीति प्रमुख बुशरा खालिदी ने कहा कि “बच्चे दिन में एक बार से भी कम खा रहे हैं और अपना अगले मील के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गाजा में कुपोषण और अकाल की स्थिति स्पष्ट रूप से विकसित हो रही है.”
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