जेलेंस्की ने ट्रंप को दिया तगड़ा झटका, अमेरिका के F-35 के बजाए स्वीडन से 100 फाइटर जेट की कर ली डील

Gripen Fighter Jet : वर्तमान में रूस से जारी जंग के बीच यूक्रेन ने अपनी एयरफोर्स को हाईटेक करने की दिशा में अहम पहल की है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अपने पुराने लड़ाकू विमानों को बदलने के लिए यूक्रेन ने स्वीडन के साथ डील की है. ऐसे में इस डील के दौरान वह 150 साब ग्रिपेन फाइटर जेट खरीदेगा. बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस समझौते की घोषणा की.

इस मामले को लेकर स्वीडिश सरकार का कहना है कि यूक्रेन को आपूर्ति किए जाने वाले मानों की संख्या 100 से 150 के बीच हो सकती है. इसके साथ ही क्रिस्टरसन ने बताया कि यह सौदा ग्रिपेन से संबंधित एक बड़े संभावित निर्यात सौदे की ओर एक कदम है. इतना ही नही बल्कि इस समझौते को लेकर जेलेंस्की ने ग्रिपेन के अधिग्रहण को यूक्रेन की रक्षा रणनीति के लिए टॉप प्राथमिकता बताया है. बता दें कि उन्होंने पुराने सोवियत विमानों को बदलने और आधुनिक पश्चिमी प्लेटफॉर्म को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

पहले भी युद्ध में किया जा चुका है इस्तेमाल

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस साल पहली बार ग्रिपेन का इस्तेमाल सीधे युद्ध में किया गया, जब थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ टकराव में लड़ाकू विमानों को तैनात किया. बता दें कि इससे कुछ समय पहले इसका इस्तेमाल हवाई पुलिसिंग के लिए किया जाता रहा है और इसे 2025 में मित्र देशों के हवाई क्षेत्र में गश्त करने के नाटो मिशन के तहत पोलैंड में तैनात किया गया था.

राफेल को इन देशोंके साथ किया एक्‍सपोर्ट

जानकारी देते हुए बता दें कि स्वीडन के ग्रिपेन का मुकाबला लॉकहीड मार्टिन के साथ है. ऐसे में लॉकहीड मार्टिन के एफ-35-एफ-16 और डसॉल्ट एविएशन ने राफेल और यूरोफाइटर को दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, ब्राजील, चेक गणराज्य और हंगरी को एक्सपोर्ट किया है, ऐसे में कुल मिलाकर अब तक 280 से ज्यादा ग्रिपेन का निर्माण किया जा चुका है.

स्वीडिश एयरोस्पेस कंपनी द्वारा किया गया विकसित

बता दें कि यह एक हाईटेक मल्टीरोल वाला फाइटर जेट है. इसका निर्माण स्वीडिश एयरोस्पेस कंपनी साब द्वारा विकसित किया गया है. इतना ही नही बल्कि इसे चौथी पीढ़ी के हल्के, सिंगल-इंजन वाले सुपरसोनिक जेट के रूप में जाना जाता है, जो कि हवाई युद्ध, बमबारी और टोही मिशनों में सक्षम है. जानकारी देते हुए बता दें कि ग्रिपेन ई को ‘स्मार्ट फाइटर’ भी कहा जाता है, जो आधुनिक युद्ध के लिए उन्नत सेंसर फ्यूजन तकनीक का एक शक्तिशाली संयोजन प्रदान करता है.

ग्रिपेन ई की खासियत 

बात करें इसकी खासियत की तो इसकी अधिकतम गति मैक 2 (लगभग 2,400 किमी/घंटा) है. जो कि कई प्रकार के हवा-से-हवा और हवा-से-सतह हथियारों को ले जाने की क्षमता देते हैं. इसके साथ ही यह किसी भी प्रकार के उबड़-खाबड़ या अस्थायी रनवे से भी उड़ान भरने में सक्षम है और साथ ही इसमें बढ़ी हुई ईंधन क्षमता है, जो इसे लगभग 4,000 किमी की अधिकतम रेंज देती है.

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