रिश्ते सामान्य करने का मतलब अपमान… इजरायल के साथ समझौते पर हिज्बुल्लाह महासचिव का बड़ा बयान

Raginee Rai
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Lebanon: हिजबुल्लाह के शीर्ष नेता और महासचिव शेख नई कासिम ने बड़ा ऐलान किया है. कासिम का कहना है कि वह इजरायल के सामने कतई नहीं झुकेगा. इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करने का मतलब है दुश्मन के साथ समझौता और अपमान. शेख नई कासिम ने कहा कि हम उसके कब्जे को वैध ठहराने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेंगे. लेबनान के लोग इजरायल के सामने आत्मसमर्पण कभी नहीं करेंगे और न ही यह अपमान सहेंगे. हिजुब्लाह के इस ऐलान के साथ ही इजरायल के साथ सीजफायर के प्रयासों को बड़ा झटका लग सकता है.

इजरायल से समझौता फिलिस्तीनी संघर्ष के साथ विश्वासघात

हिजबुल्‍लाह महासचिव ने कहा कि इजरायल के साथ किसी तरह का समझौता करना फिलिस्तीनी संघर्ष के साथ विश्वासघात होगा. कासिम ने कहा कि हमारा संगठन किसी भी ऐसे प्रयास का विरोध करता है जो इज़रायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में हो. उन्होंने इसे न केवल आत्मसमर्पण बताया, बल्कि इसे फ़िलस्तीनी संघर्ष के साथ विश्वासघात भी कहा. कासिम ने कहा कि इज़रायल के साथ कोई भी समझौता करना उसके कब्जे की वैधता को स्वीकार करने जैसा होगा, जिसे हिज़्बुल्लाह किसी भी रूप में मान्यता नहीं देगा.

इजरायल और हिजबुल्लाह का झगड़ा

इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच झगड़े की जड़ें कई दशकों पुरानी हैं और यह संघर्ष मुख्‍य रूप से राजनीतिक, धार्मिक, सैन्य और क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर है. हिज़्बुल्लाह एक शिया मुस्लिम आतंकी और राजनीतिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1982 में लेबनान में तब हुई थी, जब इज़रायल ने लेबनान पर हमलए किया था. हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है और यह लेबनान की राजनीति और सैन्य गतिविधियों में एक शक्तिशाली ताकत है. इसका द्वंद तब शुरू हुआ, जब इसने इज़रायल के विरूद्ध मुक्ति संघर्ष छेड़ दिया.

दक्षिण लेबनान में इज़रायली कब्ज़ा 

इज़रायल ने 1982 में दक्षिणी लेबनान पर कब्जा कर लिया और साल 2000 तक इसे कायम रखा. हिज़्बुल्लाह ने इस दौरान गुरिल्ला युद्ध छेड़ा और खुद को इजरायल के खिलाफ प्रतिरोध की ताकत के तौर  पर पेश किया. साल 2006 में हिज़्बुल्लाह ने इज़रायली सैनिकों का अपहरण कर लिया, जिसके जवाब में इज़रायल ने बड़े स्‍तर पर लेबनान पर हमला किया. यह संघर्ष करीब 34 दिन चला और दोनों पक्षों को भारी नुकसान झेलना पड़ा. तब से इज़रायल-लेबनान बॉर्डर पर अक्सर झड़पें होती रहती हैं. हिज़्बुल्लाह मिसाइलों और ड्रोन से हमले करता है, तो वहीं इज़रायल जवाबी कार्रवाई करता है.

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