Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल में उनके खिलाफ किए जा रहे सलूक को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि जेल में उनके साथ आतंकवादियों और हत्यारों से भी बदतर व्यवहार किया जा है. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा है कि उन्हें कुछ भी होता है, तो इसके जिम्मेदार फील्ड मार्शल असीम मुनीर होंगे, क्योंकि उनके इशारों पर ही ये सब हो रहा है.
बता दें कि अगस्त 2023 से 72 वर्षीय इमरान पाकिस्तान के जेल में बंद है, वहीं, हाल ही में उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी. ऐसे में खान ने मुनीर पर आरोप लगाया कि जेल अधिकारी असीम मुनीर के आदेश पर मेरे साथ यह दुर्व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इसलिए मैं अपनी पार्टी को स्पष्ट निर्देश देना चाहता हूं कि यदि जेल में मेरे साथ कुछ भी होता है, तो आसिम मुनीर को इसका जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
‘आतंकवादियों से भी बदतर सलूक होता है’
पूर्व पीएम ने अन्य कैदियों से अपनी तुलना करते हुए कहा कि दोषी ठहराए गए हत्यारों और आतंकवादियों को भी मुझसे बेहतर हालात में रखा जाता है. उन्होंने दावा किया कि मेरे साथ ही जेल में बंद हुआ एक सैन्य अधिकारी वीआईपी सुविधाओं का आनंद ले रहा है. साथ ही अपनी पत्नी के साथ भी हो रहे बर्तावों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख के मन में प्रधानमंत्री के रूप में खान के कार्यकाल से ही एक निजी रंजिश है.
बदला ले रहें असीम मुनीर
खान ने बताया कि जब असीम मुनीर को आईएसआई प्रमुख के पद से हटाया गया था, तो उन्होंने जुल्फी बुखारी के जरिए बुशरा बीबी को एक संदेश भेजकर मुलाकात का अनुरोध करने की कोशिश की थी. इस दौरान बुशरा बीबी ने साफ मना कर दिया था. तब से असीम मुनीर के मन में निजी रंजिश है और अब वह मुझे भावनात्मक रूप से तोड़ने के लिए यह क्रूरता कर रहे हैं.
दोनों से छीन लिए गए बुनियादी अधिकार
इस बात की जानकारी इमरान खान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में, जेल में मेरे साथ होने वाला कठोर व्यवहार और भी बढ़ गया है. यही बात मेरी पत्नी बुशरा बीबी पर भी लागू होती है. खान ने बताया कि मेरे घर का टेलीविजन को भी बंद कर दिया गया है. हम दोनों के सभी बुनियादी अधिकार छीन लिए गए हैं. कानूनी तौर पर कैदियों को मिलने वाले अधिकार से भी हमें वंचित रखा है.
बातचीत का नहीं देशव्यापी विरोध का समय
इमरान खान ने कहा कि उन्होने कसम खाई है कि वह अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ नहीं झुकेगें. उन्होंने कहा कि मैं इतनी विकट परिस्थितियों के बावजूद भी अपनी जिंदगी सलाखों के पीछे बिताने को तैयार हूं. साथ ही उन्होने जनता से भी ये अपील की कि पाकिस्तान के लोगों के लिए मेरा संदेश एक ही है कि किसी भी हालत में इस दमनकारी व्यवस्था के आगे न झुकें. अब बातचीत का समय बीत चुका है. अब देशव्यापी विरोध का समय है.
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