India-US : भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मध्यस्थता कराने के डोनाल्ड ट्रंप दावों को भारत ने बार-बार खारिज किया है. ऐसे में इसे लेकर यूरेशिया अध्यक्ष इयान ब्रेमर नेपीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि अगर वह ट्रंप के दावों को स्वीकार कर लेते तो अमेरिकी राष्ट्रपति की इज्जत बच जाती, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
इस मामले को लेकर उनका कहना है कि “चीन और रूस प्रभावी रूप से डोनाल्ड ट्रंप के सामने खड़े हो गए हैं. उन्होंने अनुमान लगाते हुए कहा कि अब पीएम मोदी भी उस स्थिति में आ गए हैं. अगर पीएम मोदी चाहें तो दोनों देशों के मुद्दों पर डोनाल्ड ट्रंप को शर्मिंदा होने से बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए सार्वजनिक रूप से यह कहने का फैसला किया कि उनका इस युद्ध से कोई लेना-देना नहीं.
ट्रंप का विरोध करने वाले देशों का किया जिक्र
ऐसे में ट्रंप का विरोध करने वाले देशों का जिक्र करते हुए इयान ब्रेमर ने कहा कि “अमेरिकी राष्ट्रपति मुख्य रूप से दुनिया को अपनी ताकत दिखाने में रुचि रखते हैं. क्योंकि उनका कहना है कि वे राष्ट्रपति होने के साथ ताकतवर भी हैं, इसलिए आपको उनकी बात सुननी होगी.”
‘पीएम मोदी ने सार्वजनिक किया सच्चाई‘
उन्होंने कहा कि “पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से तय किया कि वह सीजफायर पर ट्रंप के दावों की सच्चाई को सार्वजनिक करेंगे. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति को शर्मिंदा भी करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि आज ट्रंप उस पद पर बैठे हैं जहां ज्यादातर नेताओं ने चुप रहना बेहतर समझा लेकिन पीएम मोदी ने ऐसा नहीं किया और ट्रंप ने इसे बर्दाश्त कर लिया.”
‘ब्रिटेन के पीएम ट्रंप को नही पसंद करते’
इयान ब्रेमर ने कीर स्टार्मर का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप को बिल्कुल पसंद नहीं करते, इसहके साथ ही उन्हें ट्रंप से दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर डील मिली. उनका कहना है कि “स्टार्मर बहुत कमजोर स्थिति में हैं और पीएम मोदी वास्तव में उनके बहुत विपरीत है. यानि उनकी स्थिति काफी अच्छी है. इससे घरेलू राजनीति में पीएम मोदी को मदद मिली है.”
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