‘किसी के दबाव में नहीं झुकेगा नई दिल्‍ली’, अमेरिका से ट्रेड डील पर भारत का स्‍पष्‍ट रूख, अब क्‍या होगा ट्रंप का फैसला?

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच होने वाले ट्रेड डील पर सभी की निगाहें टिकी हुई है, लेकिन अब फैसला अमेरिका के हाथों में है कि दोनों देशों के बीच ये कारोबारी डील होगी या नहीं. क्‍योंकि अमेरिका के साथ इस डील को लेकर भारत ने स्‍पष्‍ट रूप से कह दिया है कि किसी के दबाव में नहीं झुकेगा नई दिल्ली.

बता दें कि दोनों देशों के बीच होने वाले इस कारोबारी डील में भारत ने कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में प्रमुख मुद्दों पर अपनी सीमाएं तय कर दी हैं. इसलिए अब सौदे को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी वाशिंगटन के हाथ में है. ऐसे में यदि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ जाते हैं, तो 9 जुलाई से पहले अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा की जा सकती है.

9 जुलाई को खत्म हो रही डेडलाइन 

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों के लिए 90-दिन की टैरिफ छूट दी गई थी, जो 9 जुलाई को खत्म हो रही है. अमेरिका ने भारतीय वस्‍तुओं पर 26 प्रतिशत अतिरिक्‍त टैरिफ की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उसने इसके लिए 90 दिनों के लिए छूट भी दी थी. मगर अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क अभी भी लागू है. वहीं, भारत इस 26 प्रतिशत के टैरिफ से पूरी तरह मुक्ति पाना चाहता है.

राष्ट्रीय हित में होगा तब ही डील संभव 

सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच प्रस्‍तावित वार्ता यदि विफल हो जाती है, तो 26 प्रतिशत शुल्क फिर से लागू हो जाएंगे. बता दें कि दोनों देशों के बीच इस्पात, एल्युमीनियम (50 प्रतिशत) और वाहन (25 प्रतिशत) शुल्क पर भी मतभेद हैं. दरअसल, हाल ही में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत समय सीमा के आधार पर कोई व्यापार समझौता नहीं करता है और अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को तभी स्वीकार करेगा, जब यह राष्ट्रीय हित में होगा.

कृषि और डेयरी उत्पादों पर मामला अटका 

इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा था कि एफटीए तभी संभव है जब दोनों पक्षों को लाभ मिले और यह दोनों पक्षों के लिए लाभ वाला समझौता होना चाहिए. दरअसल भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर अमेरिका को शुल्क रियायतें देने पर अपना रुख कड़ा कर लिया है क्योंकि दोनों ही संवेदनशील विषय हैं.

दरअसल, भारत ने पहले कभी भी हस्ताक्षरित किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है. वहीं, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनका प्रशासन 10-12 देशों के पहले समूह को पत्र भेज रहा है, जिसमें जवाबी शुल्क दरों का विवरण साझा किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया नौ जुलाई तक पूरी हो सकती है.

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