INDIA : काफी लंबे समय बाद भारत सरकार ने चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करने की घोषणा की है. जानकारी देते हुए बता दें कि यह प्रक्रिया सरकार द्वारा 24 जुलाई 2025 से फिर से शुरू की जाएगी. भारतीय दूतावास ने इस फैसले की जानकारी दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमण की रोकथाम के लिए भारत ने सभी पर्यटक वीजा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए थे. तभी से चीनी नागरिकों के लिए वीजा सेवा बंद थी.
व्यापारियों को वीजा देना शुरू किया
इस मामले को लेकर दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि बीजिंग स्थित भारतीय वीजा केंद्र में पासपोर्ट वापसी के लिए आवेदन करने पर एक विधिवत ‘पासपोर्ट विदड्रॉल लेटर’ अनिवार्य होगा. भारत-चीन के बीच कोविड महामारी के चलते गलवान घाटी में हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच यात्राएं और आपसी संपर्क लगभग ठप हो गए थे. लेकिन कुछ समय से चीन ने भारतीय छात्रों और व्यापारियों को वीजा देना शुरू किया.
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की हुई बैठक
हालांकि बाद में कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए पैंगोंग झील, गलवान और हॉट स्प्रिंग्स जैसे कई तनावग्रस्त इलाकों से सेनाएं पीछे हटीं. इसके साथ ही अक्टूबर 2024 में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से भी सेनाएं हटाने का समझौता हुआ. प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस के कजान में बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए.
रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश
ऐसे में मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि अब दोनों देश चाहते है कि रिश्तों में सुधार लाया जाए और लोगों के बीच संपर्क बढ़े. इसके लिए सीधी उड़ानें शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की योजना है. बता दें कि कोविड महामारी के चलते यह यात्रा बंद हो गई थी. इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी जानकारी देते हुए बताया कि भारत-चीन के रिश्ते धीरे-धीरे सही दिशा में जा रहे हैं.
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