Japan:  US के साथ टैरिफ डील का अध्ययन करने के बाद… पीएम पद के इस्‍तीफे की मांग पर बोले इशिबा

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Shigeru Ishiba: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और सहयोगी दल कोमितो ने रविवार को हुए ऊपरी सदन के चुनाव में अपना बहुमत खो दिया है, जिसके बाद से इशिबा पर लगातार इस्‍तीफे का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री ने कहा है कि वो अमेरिका के साथ आयात शुल्क (टैरिफ) पर समझौते का अध्ययन करने के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे.

बता दें कि हाल ही में हुए इस चुनाव में हार का मतलब है कि इशिबा की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार अब दोनों सदनों में बहुमत से बाहर हो गई है. क्‍योंकि इससे पहले अक्‍टूबर में ही इशिबा की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने निचले सदन में अपना बहुमत खो चुकी थी. ऐसे में दोनों सदनों में बहुमत न होने के कारण उनकी सरकार के लिए कोई भी नीतिगत कदम उठाना और मुश्किल हो गया है, जिससे जापान में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है.

इशिबा के तुरंत इस्‍तीफा देने की उठी मांग

वहीं, उपरी सदन में बहुमत खोने के बाद इशिबा ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और अमेरिका के साथ जारी टैरिफ वार्ताओं जैसे अहम मुद्दों पर काम जारी रखेंगे, जिससे देश में राजनीतिक खालीपन न आए. मगर उनके इस फैसले के बाद उनकी पार्टी के अंदर और बाहर से उनके तुरंत इस्तीफा देने की मांग उठने लगी.

इशिबा ने अमेरिका के साथ व्‍यापार समझौते का किया स्‍वागत

दरअसल, अमेरिका के साथ टैरिफ समझौता होने के बाद अब इशिबा के इस्तीफे का रास्ता साफ होता दिख रहा है. जापानी मीडिया के मुताबिक, इशिबा अगस्त में इस्तीफा देने की योजना का ऐलान कर सकते हैं. हालांकि इससे पहले बुधवार को इशिबा ने उस व्यापार समझौते का स्वागत किया, जिसके तहत जापान से अमेरिका में निर्यात होने वाली कारों और अन्य वस्तुओं पर अब 15 फीसदी टैरिफ लगेगा, जो पहले 25 फीसदी था.

व्‍यापार समझौते का पूरा अध्‍ययन करेंगे इशिबा

जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कठिन वार्ताओं का परिणाम है, जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए की गई थीं और इससे दोनों देशों को रोजगार और निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी. वहीं, इस्‍तीफे के बारे में उन्‍होंने कुछ भी कहने से स्‍पष्‍ट रूप से इंकार कर दिया, लेकिन उन्‍होंने इतना जरूर कहा कि वह पहले इस व्यापार समझौते का पूरा अध्ययन करेंगे.

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