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भारत के पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) पाइप और फिटिंग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इस वित्त वर्ष में राजस्व में 10-11% की वृद्धि देखने को मिलेगी, जिसका मुख्य कारण एंड-यूजर सेगमेंट से मजबूत मांग और अधिक स्थिर मूल्य परिवेश है. बुधवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि पिछले वित्त वर्ष में स्थिर राजस्व वृद्धि के बाद, निर्माताओं को इस वित्त वर्ष में सुधार देखने को मिलेगा.
जल आपूर्ति, स्वच्छता और आवास क्षेत्रों पर केंद्रित योजनाएं
मांग में यह वृद्धि जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य निर्माण गतिविधियों जैसी सरकारी योजनाओं में सकारात्मक गति के कारण है. क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक हिमांक शर्मा (Himank Sharma) ने कहा, जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं, के कारण हाल के दिनों में पीवीसी पाइप और फिटिंग की मांग मजबूत बनी हुई है, जो कि जल आपूर्ति, स्वच्छता और आवास क्षेत्रों पर केंद्रित योजनाएं हैं.
बैलेंस शीट पर दबाव डाले बिना क्षमता विस्तार की बनेगी गुंजाइश
इस वृद्धि से निर्माताओं की उच्च-लागत वाली इन्वेंट्री में कमी आएगी, क्योंकि डीलर पुनः स्टॉकिंग चैनल शुरू कर देंगे और पिछले वित्त वर्ष में परिचालन मार्जिन में आई 130 आधार अंकों की गिरावट को आंशिक रूप से समाप्त कर देंगे. रिपोर्ट में बताया गया है कि बेहतर लाभप्रदता और इन्वेंट्री के स्तर में कमी से निर्माताओं की कार्यशील पूंजी की आवश्यकता भी कम होगी और बैलेंस शीट पर दबाव डाले बिना क्षमता विस्तार की गुंजाइश बनेगी.
16 पीवीसी पाइप निर्माता ने विकास की संभावना का दिया संकेत
रिपोर्ट के मुताबिक, 16 पीवीसी पाइप निर्माता ने इस वित्त वर्ष में विकास की संभावना का संकेत दिया है, जिनका संचयी राजस्व 30,000 करोड़ रुपए से अधिक है, जो पिछले वित्त वर्ष में संगठित क्षेत्र के राजस्व का दो-तिहाई हिस्सा है. रिपोर्ट में कहा गया है, सिंचाई और जल आपूर्ति परियोजनाओं की मांग, जो क्षेत्रीय राजस्व में लगभग तीन-चौथाई का योगदान देती है, इन क्षेत्रों में सरकार के प्रोत्साहन को देखते हुए मजबूत बनी हुई है.
उत्पादन मात्रा में तेजी से देखी जा रही वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में, मांग और स्थिर कीमतों के कारण, उत्पादन मात्रा में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. उच्च उत्पादन मात्रा से निर्माताओं के राजस्व में 10-11% की वृद्धि और परिचालन दरों में वृद्धि में मदद मिलेगी, जिससे इस वित्त वर्ष में परिचालन मार्जिन बढ़कर 13.5-14% हो जाएगा. क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर रुषभ बोरकर (Rushabh Borkar) ने कहा, इसके अलावा, बेहतर मांग से डीलरों द्वारा पुनः स्टॉकिंग भी होगी और निर्माताओं के पास स्टॉक 8-10 दिनों तक कम हो जाएगा, जिससे कर्ज में वृद्धि पर अंकुश लगेगा.