Indian delegation: पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाक का नापाक चेहरे को बेनकाब करने की कवायद शुरू कर दी है. दरअसल, भारत ने विश्व स्तर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए व्यापक कूटनीतिक संपर्क अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत 7 बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की राजधानियों में भेजे जा रहे हैं.
इस कड़ी में गुरुवार को जापान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में पहले दो प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की करतूत बताने पहुंचे. भारत के प्रतिनिधि मंडल ने अपने मित्र देशों को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सबूतों के साथ कलई खोल दी.
यूएई में भारत की स्थिति स्पष्ट
यूएई पहुंचे भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल अबू धाबी में यूएई की फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य अहमद मीर खोरी से मिला. बैठक में पाकिस्तान की धरती से उत्पन्न हो रहे आतंकवाद और भारत की आत्मरक्षा की नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
डॉ. शिंदे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कहा, “हमने गर्व के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की निर्णायक सफलता साझा की और पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवादी खतरों को रेखांकित किया.” इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के मनन कुमार मिश्रा, अतुल गर्ग, बांसुरी स्वराज और एस.एस. अहलूवालिया, बीजद के सस्मित पात्रा, आईयूएमएल के ई.टी. मोहम्मद बशीर, पूर्व राजनयिक सुजान आर. चिनॉय, और यूएई में भारतीय राजदूत संजय सुधीर भी शामिल हैं. भारतीय दूतावास ने कहा कि “यूएई, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करने वाला पहला देश है, जो दोनों देशों के बीच गहरे द्विपक्षीय संबंधों को प्रदर्शित करता है.”
जापान में भी भारत ने खोली पाक की पोल
एक दूसरा प्रतिनिधि मंडल जापान भी पहुंचा, जहां पाकिस्तान के आतंकी चेहने को बेनकाब किया. जापान पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जदयू सांसद संजय कुमार झा कर रहे हैं. उनके साथ बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रधान बरुआ और हेमांग जोशी, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, माकपा के जॉन ब्रिटास, और पूर्व राजदूत मोहन कुमार भी शामिल हैं. टोक्यो में भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा कि माननीय सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंचा. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी कार्रवाई को सभी संवादों में सामने रखा जाएगा.”
‘ऑपरेशन सिंदूर‘ और उसके बाद की घटनाएं
मालूम हो कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में आतंकियों ने 26 लोगों को मौत की नींद सुला दी थी. इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर ‘सटीक और लक्षित हमले’ किए. इसमें पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने तबाह हो गए. इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की कोशिश की. हालांकि भारत ने सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया. दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी.
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