टैरिफ के चलते बढ़ सकता है अमेरिका-भारत व्‍यापार संबंधों में तनाव, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर क्‍या पड़ेगा प्रभाव

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Indian Economy: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से व्‍यापार करने के चलते भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे दोनों देशों के व्‍यापार संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना है. वहीं, इसे लेकर जानकारों का कहना है कि यदि ट्रंप का य‍ह फैसला लागू होता है और लंबे समय तक प्रभावी रहता है तो इससे भारत के निर्यात क्षेत्र और व्यापक अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा.

रूस का सबसे तेल खरीदार है चीन

बता दें कि अमेरिका द्वारा यह टैरिफ भारत के रूस से कच्चे तेल की खरीद के चलते लगाया गया है, जबकि चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं जो रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, इन टैरिफों से अछूती हैं. वहीं, व्हाइट हाउस के एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा है भी है कि अमेरिका चीन पर टैरिफ लगाने में जल्‍दबाजी नहीं करना चाहता है. ऐसे में अमेरिका के इस निर्णय को राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है.

अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ

दरअसल ट्रंप द्वारा जारी कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि “भारत सरकार सीधे या परोक्ष रूप से रूस से तेल का आयात कर रही है. इसलिए, अमेरिकी सीमा शुल्क क्षेत्र में भारत से आने वाले उत्पादों पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा.” यह शुल्क पहले से लागू 25% आयात शुल्क के अलावा होगा. यानी अब अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ 50% हो जाएगा. आदेश के अनुसार, 7 अगस्त से मूल शुल्क प्रभावी होगा. वहीं 27 अगस्त से अतिरिक्त शुल्क लागू होगा.

किन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर?

अमेरिका के टैरिफ से भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्र जैसे कि टेक्सटाइल व परिधान, रत्न व आभूषण, सीफूड (झींगे आदि), चमड़ा के जूते, रासायनिक पदार्थ और इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल मशीनरी बुरी तरह प्रभावित होंगे. हालांकि, कुछ क्षेत्रों को छूट दी गई है जैसे कि दवाएं, ऊर्जा उत्पाद जैसे कि कच्चा तेल, गैस, कोयला, बिजली के अलावा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में शामिल कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टीवी आदि.

लंबे समय बाद अमेरिका में बढेगी महंगाई

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस टैरिफ के वजह से लंबे समय के बाद अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी, जिससे अमेरिकी में रह रहे लोगों का जेब खर्च भी बढ़ेगा. वहीं, भारत से अमेरिका को सर्वाधिक निर्यात करने वाले शीर्ष तीन उद्योग इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न एवं आभूषण तथा फार्मास्यूटिकल्स हैं, जिन पर अब सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.

अमेरिका भारत का सबसे पहला निर्यात गंतव्य स्थल

बता दें कि वर्तमान में अमेरिका भारत का सबसे पहला निर्यात गंतव्य स्थल है. ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत ने अमेरिका को 25.52 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 की समान तिमाही में 26089 बिलियन डॉलर था. इसके अलावा, अमेरिका से 12.86 अरब डॉलर का आयात हुआ है जो बीते वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में 11.52 बिलियन डॉलर का रहा था.

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