Washington: अमेरिका के टेक्सास राज्य में 23 वर्षीय भारतीय छात्र चंद्रशेखर पोल की हत्या करने वाले आरोपी रिचर्ड फ्लोरेज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. शुक्रवार रात फोर्ट वर्थ शहर के एक गैस स्टेशन पर रिचर्ड ने ही चंद्रशेखर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. रिचर्ड हिल्स का निवासी है. वहीं इस घटना से स्थानीय भारतीय-अमेरिकी समुदाय और विदेशी छात्र बेहद दुखी और भयभीत हैं.
अपनी कार से गेट मे मार दी थी टक्कर
इसके कुछ ही समय बाद रिचर्ड ने करीब एक मील दूर एक अन्य वाहन पर भी गोलियां चलाईं थी, लेकिन गनीमत रही कि वहां कोई घायल नहीं हुआ. बाद में उसने पास के एक घर में घुसने की कोशिश करते हुए अपनी कार से गेट मे टक्कर मार दी थी. पुलिस ने उसे वहीं गिरफ्तार कर लिया. फोर्ट वर्थ पुलिस प्रवक्ता ऑफिसर ब्रैड पेरेज ने बताया कि आरोपी रिचर्ड की गाड़ी से एक बंदूक बरामद किया गया है. फिलहाल, आरोपी अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
चल रही है जांच, हत्या के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक फोर्ट वर्थ और टैरेंट काउंटी की ओर से इस मामले में औपचारिक बयान और आगे की जांच रिपोर्ट सरकारी शटडाउन के कारण कुछ देर से जारी की जाएगी. फिलहाल जांच चल रही है और हत्या के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं हुआ है. भारतीय छात्र की हत्या के मामले में ह्यूस्टन स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा है कि वे चंद्रशेखर के परिवार से संपर्क में हैं और उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने की प्रक्रिया में सहायता कर रहे हैं.
भारतीय छात्रों पर बढ़ते हमलों और रहस्यमय मौतों ने बढ़ा दी चिंता
वहीं स्थानीय भारतीय.अमेरिकी समुदाय और विदेशी छात्र इस घटना से बेहद दुखी और भयभीत हैं. उनका कहना है कि हाल के महीनों में भारतीय छात्रों पर बढ़ते हमलों और रहस्यमय मौतों ने सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. चंद्रशेखर पोल के परिवार और मित्रों की मदद के लिए एक ‘गोफंडमी’ अभियान शुरू किया गया है, जिससे उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने और परिवार को आर्थिक सहयोग देने का प्रयास किया जा रहा है.
BDS की पढ़ाई भारत में पूरी की थी और दो साल पहले अमेरिका गए थे
चंद्रशेखर पोल तेलंगाना के हैदराबाद के रहने वाले थे. उन्होंने बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS ) की पढ़ाई भारत में पूरी की थी और दो साल पहले अमेरिका गए थे ताकि वे डेटा एनालिटिक्स में मास्टर डिग्री कर सकें. वे नॉर्थ टेक्सास यूनिवर्सिटी, डेंटन से छह महीने पहले ही एमएस पूरा कर चुके थे और नौकरी की तलाश में थे. उनके भाई दामोदर पोल ने बताया कि वह आत्मनिर्भर बने रहने के लिए पार्ट-टाइम गैस स्टेशन में काम कर रहे थे.
भारतीय दूतावासों को बार-बार सहायता के लिए करना पड़ा हस्तक्षेप
अमेरिका में इस तरह ये कोई पहली घटना नहीं है. इसी साल जनवरी 2025 में कनेक्टिकट में तेलंगाना के 26 वर्षीय छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं रंगारेड्डी जिले के एक युवक को भी अमेरिका में संदिग्ध हालत में मृत पाया गया था. सितंबर 2025 में महबूबनगर जिले के एक 30 वर्षीय व्यक्ति को कैलिफोर्निया में पुलिस ने गोली मार दी थी, जब उसका अपने रूममेट से झगड़ा हुआ था. इन मामलों के बाद भारतीय दूतावासों को बार-बार छात्रों और उनके परिवारों की सहायता के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा है. शवों को भारत लाने में कई बार हफ्तों लग जाते हैं क्योंकि प्रक्रिया में कानूनी और प्रशासनिक जटिलताएं शामिल होती हैं.
फिर से विदेशों में भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर सवाल
इस वारदात के बाद फिर से विदेशों में भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है. खासकर, उन छात्रों की जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट-टाइम काम करते हैं. देर रात या असुरक्षित इलाकों में काम करना कई बार उन्हें खतरे में डाल देता है. भारतीय समुदाय के लोग अब यह मांग कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय और स्थानीय प्रशासन ऐसे छात्रों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करें और देर रात काम करने वालों को सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराएं.
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