Iran: हिजाब कानून को लेकर सुप्रीम लीडर के खिलाफ हुए राष्ट्रपति पेजेश्कियान, लागू करने से किया इनकार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Iran: इस्‍लामिक देश ईरान में नए हिजाब कानून को लेकर राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान सर्वोच्‍च नेता खामेनेई के खिलाफ हो गए है. उदारवादी छवि वाले राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने साफ कर दिया है कि वह नए हिजाब कानून को लागू नहीं कर सकते.

उधर सार्वजनिक और वैश्विक विरोध के बाद ईरान ने विवादास्पद हिजाब कानून के कार्यान्वयन को आधिकारिक रूप से स्थगित कर दिया है. इस कानून में हिजाब न पहनने वाली महिलाओं और लड़कियों के लिए मौत की सज़ा जैसा कठोर प्रावधान है.

देश में हिजाब कानून लागू करने से किया इनकार

ईरान के सुधारवादी नेता अली शकोरी-रैड ने जानकारी दी है कि राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने सुप्रीम लीडर खामेनेई से साफ कह दिया है कि वह इस कानून को लागू नहीं करने वाले हैं.

रैड के अनुसार, पेजेश्कियान ने खामेनेई से कहा है कि यदि नया हिजाब कानून लागू किया जाता है, तो इससे ईरान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. इस वजह से मैं इसे लागू नहीं कर सकता. रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम लीडर से राष्ट्रपति पेजेश्कियान की इस बातचीत के बाद ही नए कानून को स्थगित करने का फैसला लिया गया है.

संसद में लाया जाएगा संशोधित विधेयक

शनिवार को ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने संसद को लिखे एक पत्र में अनुरोध किया कि ‘हिजाब और शुद्धता’ कानून को लागू करने की प्रक्रिया को रोक दिया जाए ताकि सरकार, संसद में एक संशोधित विधेयक ला सके.

बीते हफ्ते प्रभावी होना था कानून

ईरान में अनिवार्य हिजाब से जुड़े नए कानून को बीते हफ्ते ही प्रभावी होना था, लेकिन राष्ट्रपति पेजेश्कियान के इनकार करने से ऐसा नहीं हो सका. इस्लामिक गणराज्य के इस हिजाब कानून में हिजाब का विरोध करने वाली महिलाओं पर करीब 20 महीने के वेतन के बराबर जुर्माना, कोड़े मारना, जेल की सजा और यहां तक ​​कि मौत की सज़ा भी शामिल है. बता दें कि इस नए हिजाब कानून की दुनियाभर में आलोचना हो रही है.

ये भी पढ़ें :- Election In Bangladesh: आम चुनाव को लेकर मोहम्मद यूनुस ने दिया बड़ा अपडेट, जानें कब होगा इलेक्शन

 

Latest News

डिपॉजिट ग्रोथ से आगे निकली ‘बैंक क्रेडिट ग्रोथ’, फेस्टिव डिमांड और GST रेट कट का दिखा असर

सीजनल फेस्टिव डिमांड, जीएसटी दरों में कटौती और मजबूत रिटेल व एमएसएमई गतिविधियों के चलते इस वर्ष मिड-अक्टूबर तक...

More Articles Like This

Exit mobile version