New York: अमेरिका में न्यूयॉर्क सिटी के नए मेयर के रूप में जोहरान ममदानी की जीत से इजरायल की चिंता बढ गई है. यहूदियों से इजरायल आकर बसने की अपील की गई है. इजरायली नागरिकों और नेताओं को अब लगने लगा है कि एक खुले तौर पर फिलिस्तीनी समर्थक नेता की जीत अमेरिका-इजरायल संबंधों में नई ठंडक ला सकती है. माना जा रहा है कि करीब एक-तिहाई यहूदी मतदाताओं ने भी ममदानी का समर्थन किया. इजरायल के राजनीतिक वर्ग को सबसे ज़्यादा झटका इसी बात से लगा है.
पहले जैसी सहानुभूति नहीं रखती
विश्लेषकों की माने तो यह संकेत है कि अमेरिकी जनता, खासकर युवा डेमोक्रेट्स, अब इजरायल के प्रति पहले जैसी सहानुभूति नहीं रखती है. यरुशलम की निवासी हाना जैगर ने बताया कि यह बहुत बुरा है. यहूदियों के लिए इजरायल के लिए सभी के लिए बुरा है. ममदानी ने चुनाव में स्थानीय मुद्दों जैसे सस्ती आवास योजना और बाल देखभाल की कमी पर जोर दिया, लेकिन इजरायल के लिए सबसे बड़ा मुद्दा उनका फिलिस्तीन समर्थक रुख है.
ममदानी पर यहूदी-विरोधी और इजरायल से नफरत का आरोप
और यह बदलाव गाजा युद्ध और इजरायली हमलों से उपजे गुस्से के कारण तेज़ हुआ है. इजरायली अधिकारियों ने ममदानी पर यहूदी-विरोधी और इजरायल से नफरत का आरोप लगाया. ज्यूइश पीपल पॉलिसी इंस्टीट्यूट के विश्लेषक शमूएल रोस्नर ने लिखा कि यह दिखाता है कि अमेरिका में अब इजरायल-विरोधी विचारों के साथ भी चुनाव जीता जा सकता है. न्यूयॉर्क सिटी हमेशा से इजरायल का सांस्कृतिक और भावनात्मक केंद्र रहा है. यहां बड़ी यहूदी आबादी है.
नेतन्याहू ने जीत पर नहीं दी कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया
हिब्रू भाषा आम है और इजरायल का वाणिज्य दूतावास बेहद सक्रिय रहता है, लेकिन 34 वर्षीय ममदानी जो न्यूयॉर्क राज्य के विधायक रह चुके हैं, ने चुनाव अभियान में इजरायल की पारंपरिक नीतियों को खुलकर चुनौती दी. हालांकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस जीत पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उनकी प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन ने कहा कि इजरायल और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से कहीं अधिक मज़बूत हैं. यह चुनाव उस रिश्ते को कमजोर नहीं करेगा.