हरियाणा के पांच युवकों को म्यांमार में बंधक बनाकर परिजनों से मांगी गई फिरौती, जानें क्या है मामला?

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Haryana: विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर हरियाणा के पांच युवकों को म्यांमार में बंधक बनाकर उनके परिजनों से फिरौती मांगी गई. जान बचाकर थाइलैंड में भागे युवकों को पुलिस ने पकड़ा और भारतीय दूतावास से संपर्क कर उन्हें भारत भेज दिया. हरियाणा लौटने के बाद युवकों की शिकायत पर पुलिस ने सात एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

पांचों युवक धोखाधड़ी का हो गए शिकार

दरअसल, विदेश में पैसे कमाने की इच्छा में ये पांचों युवक धोखाधड़ी का शिकार हो गए. इन युवकों से एजेंटों ने लाखों रुपये ठग लिए. युवकों का कहना है कि उन्हें म्यांमार में बंधक बनाया गया और इसके बाद उनके परिजनों से फिरौती की मांग की गई. किसी तरह विदेश मंत्रालय से संपर्क किया. जब म्यांमार आर्मी ने केके पार्क पर छापेमारी की तो कई युवक ताले तोड़कर वहां से भाग निकले.

पैसे देकर नदी पार की और पहुंच गए थाइलैंड

इसके बाद वे थाइलैंड की ओर पैदल चल पड़े. 30 किलोमीटर चलने के बाद वे थाइलैंड के बार्डर पर पहुंचे. वहां रात को कुछ म्यांमार के लोगों को पैसे देकर नदी पार की और थाइलैंड पहुंच गए. थाइलैंड में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और भारतीय दूतावास से संपर्क करके उन्हें छह नवंबर को भारत भेजा. जींद लौटने के बाद युवकों ने गुरूवार को पुलिस को शिकायत दी. पुलिस ने सात एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

कृष्ण ने विदेश में रोजगार दिलाने का दिया आश्वासन

म्यांमार से अपने गांव नगूरां लौटे दीपक ने पुलिस को बताया कि उसका संपर्क जून में दिल्ली में विदेश भेजने का कार्यालय चलाने वाले कृष्ण से हुआ था. कृष्ण ने विदेश में रोजगार दिलाने का आश्वासन दिया. सब कुछ तय होने के बाद दीपक को 60 हजार रुपये देकर थाइलैंड भेजा गया लेकिन म्यांमार में रोक लिया गया. इसके बाद उन्हें बंधक बना लिया और परिजन से चार लाख रुपये की फिरौती मांगी.

म्यांमार में बंधक बनाकर रखा और सात लाख की मांगी फिरौती

इसी तरह की शिकायत गांव जामनी निवासी नवीन, अमरहेड़ी निवासी अमित, जींद के एसडी स्कूल के चेतन और गांव रोझला निवासी सुमित ने भी दी. सुमित ने बताया कि म्यांमार में उन्हें बंधक बनाकर रखा गया और सात लाख रुपये की फिरौती मांगी गई. रोझला गांव निवासी सुमित कुमार ने म्यांमार के केके पार्क में कई कंपनियां हैं. यहां धोखाधड़ी के काम करवाते हैं. मना करने पर यह काम करो नहीं तो घर से साढ़े सात लाख रुपये मंगवाकर दो तभी उनको यहां से बाहर भेजा जाएगा. पैसे नहीं दिए तो उनके अंग बेच दिए जाएंगे.

काम करने से मना कर दिया तो फायर रूम में बंद कर दिया

नगूरां निवासी दीपक ने बताया कि जब काम करने से मना कर दिया तो उनको फायर रूम में बंद कर दिया. यह प्रताड़ित करने का एक कमरा था. इसमें 18 युवकों को एक साथ रखा जाता है. यहां उनको खाना तक नहीं दिया जाता. स्वजन पैसे भेज देते हैं उनको वहां से निकाल दिया जाता है. दीपक ने कहा कि वह 22 अक्टूबर को आर्मी की रेड के दौरान किसी तरह यहां से जान बचाकर भाग निकले. कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.

युवकों को वापस भारत लाया गया

जींद के एसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि सभी युवकों को रोजगार के नाम पर विदेश भेजा था. फिर अवैध तरीके से इनको म्यांमार में बंधक बनाकर रखा. विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से युवकों को वापस भारत लाया गया.

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