जो बाइडेन ने Xenophobia को बताया भारत की ‘आर्थिक परेशानी का कारण’, जानिए क्या होता है इसका मतलब?

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Joe Biden Statement on Indians: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक बार फिर से अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. दरअसल, उन्होंने इस बार भारतीयों पर एक बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने वाशिंगटन में चुनावी कैंपेन के लिए फंड जुटाने वाले इवेंट में ऐसी बात कही जिसने सभी को चौंका दिया. उन्होंने कहा कि भारत, चीन, जापान और रूस में Xenophobia है. जो बाइडन ने कहा कि इन देशों के लोग जेनोफोबिक हैं यानी विदेशी लोगों को पसंद नहीं करते. आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा..?

भारतीयों के बारे में बाइडेन ने कही ये बात

अगर Reuters की रिपोर्ट मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि Xenophobia की वजह से ही भारत, चीन, जापान और रूस परेशानी में हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीन आर्थिक रूप से इतना पिछड़ क्यों रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है, रूस को क्यों, भारत को क्यों? क्योंकि वे विदेशी लोगों से नफरत करते हैं. वे अप्रवासियों को नहीं चाहते. जबकि अप्रवासी ही हमें (अमेरिका) मजबूत बनाते हैं. अब आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये Xenophobia क्या है…

क्या होता है Xenophobia?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Xenophobia का अर्थ होता है विदेशियों, उनके रीति-रिवाजों, उनके धर्मों आदि को नापसंद करना या उनसे डरना. इसी के साथ मरियम-वेबस्टर से मिली जानकारी के अनुसार Xenophobia का मतलब होता है अजनबियों या विदेशियों या किसी भी अजीब या विदेशी चीज से डर और नफरत. यानी अगर सरल भाषा में समझें तो विदेशी लोगों को नापसंद करना Xenophobia कहलाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीयों, चीनियों, रूसियों और जापानियों को xenophobic करार दिया है. उनके इस बयान को लेकर अब विभिन्न प्रकार की चर्चा होने लगी है.

जो बाइडेन ने ऐसा क्यों कहा?

केवल भारत ही नहीं जो बाइडेन ने चार बड़े देशों को Xenophobia वाला बताया है. उन्होंने वाशिंगटन में चुनावी कैंपेन के लिए फंड जुटाने वाले इवेंट में कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं. क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं. वहीं, उन्होंने भारत सहित चार देशों में Xenophobia करार दिया.

आपको बता दें कि कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक बार फिर से व्हाइट पहुंचने की ताक में लगे हैं. इस बार के आम चुनाव में उनका सामना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से होना है. चूकी डोनाल्ड ट्रंप ‘अप्रवासी विरोधी’ रुख के लिए जाने जाते हैं. वहीं, ठीक इसके इतर बाइडेन का रवैया शरणार्थियों के पक्ष में रहा है. ट्रंप ने अवैध इमिग्रेशन पर नकेल कसने और कानूनी माइग्रेशन के नियमों को और कड़ा करने का वादा अमेरिका के लोगों से किया है.

भारत को पसंद करते हैं अप्रवासी

भारत में विदेशी प्रवासियों की बड़ी तादात रहती है. अगर 2017 में Pew रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट की मानें तो प्रवासियों के भारत शीर्ष गंतव्यों में से एक है. रिपोर्ट के अनुसार अपने देश भारत में साल 2015 तक अपने देश भारत में 52 लाख अप्रवासी रहते थे.

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