‘पहले से बड़ा होगा इस बार का जवाब…’, भारत की पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकी संगठनों को चेतावनी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Lt Gen Manoj Kumar Katiyar: भारतीय सेना के पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने पंचकूला में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के सफाया और उनके हर वार का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी भी इस बात को क‍ह चुके है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है.

जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने कहा कि भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है. यदि पाकिस्तान या उसके समर्थित आतंकी संगठन भारत में दोबारा से आतंकी घटना को अंजाम देते हैं तो इसका जवाब पहले से भी ज्यादा होगा.

कोई रोक नहीं सकता, हमारी तैयारी अभी भी जारी

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर कोई पूर्ण युद्ध नहीं था. 7 तारीख को हमने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया और 10 तारीख को उनके युद्धविराम अनुरोध को हमने स्वीकार कर लिया. युद्धविराम के बाद, जमीनी स्तर पर स्थिति शांत रही. उन्‍होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान की किसी भी शत्रुतापूर्ण कोशिश का जवाब देने के लिए एक रणनीतिक तैयारी थी. हालांकि हमारी तैयारी अभी भी जारी है और हमें कोई रोक नहीं सकता.”

पाकिस्‍तान पर भरोसा नहीं…

मनोज कुमार कटियार ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर लड़ाई ही नहीं थी वो हमारी तैयारी भी थी.  पाकिस्तान के किसी भी नापाक कोशिश को विफल करने के लिए. तो हमारी जो तैयारी है, वो अभी भी जारी है. मैं आशा करता हूं कि पाकिस्तान शायद दोबारा ऐसा दुस्साहस नहीं करेगा, पर हमको इस बात पर पूरा भरोसा नहीं है. उन्‍होंने कहा कि मेरा अनुमान है कि हो सकता है कि पाकिस्तान या पाकिस्तान में रहने वाले जो आतंकी संगठन हैं, वो पाकिस्तान की शह पाकर दोबारा हमारे देश में कोई टेररिस्ट स्ट्राइक करें, तो फिर हमारे लिए तो कोई और ऑप्शन नहीं है सिवाय इसके कि हम पूरी तरीके से उसका जवाब दें.”

काफी महत्‍वपूर्ण था 1965 का युद्ध

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने जोर देकर कहा कि ” इस बार जो जवाब होगा वो पहले से ज्यादा (बड़ा) होगा. उसके लिए हमारा ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है.” वहीं, 1965 के युद्ध का जिक्र करते हुए सेना कमांडर ने कहा कि “1965 का युद्ध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण युद्ध था… यह बहुत महत्वपूर्ण है कि नई पीढ़ी 1965 के युद्ध के बारे में जाने… 1965 के युद्ध से हमने बहुत सी चीजें सीखी हैं, जैसे सेना और वायु सेना का समन्वय कैसे बनाए रखें, रक्षात्मक और आक्रामक अभियानों के बारे में योजना कैसे बनाएं… तकनीक और मशीनें महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मशीन के पीछे का आदमी भी महत्वपूर्ण है…”

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