मलेशिया के पूर्व पीएम मुहीद्दीन यासीन पर लगा राजद्रोह का आरोप, पूर्व राजा के विश्वसनीयता पर उठाया था सवाल

Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Malaysia: मलेशिया में विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है. दरअसल, साल 2020 से 2021 के बीच मलेशिया का नेतृत्व के दौरान मुहिद्दीन ने एक राजनीतिक भाषण में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर पूर्वोत्तर राज्य के केलंतन की अदालत में मुहिद्दीन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है.

दरअसल, मुहिद्दीन यासीन ने अपने भाषण के दौरान कथित तौर पर देश के पूर्व राजा का मजाक बनाया था. हालांकि उनके वकील ने इस आरोप से साफ इंकार कर दिया. यासीन ने पूर्व राजा अल सुल्तान अब्दुल्ला अहमद शाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे, जिसके परिणाम यह हुए की संसद में अस्थिरता आ गई थी.

मलेशिया में चलती है राजशाही की अनोखी प्रथा

आपको बता दें कि मलेशिया में राजशाही की अनोखी प्रथा है, जहां देश के नौ सुल्तान हर पांच साल में बारी-बारी से राजा बनते हैं. ऐसे में कोई राजघराने के बारे में अपशब्द बोलता है या नकारात्मक टिप्पणी करता है, तो उस पर औपनिवेशिक युग के राजद्रोह अधिनियम के तहत मुकदमा भी चलाया जाता सकता है.

शपथ लेने के लिए नहीं किया था आमंत्रित

मुहिद्दीन यासीन ने अपने भाषण में कहा कि उन्होंने चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सांसदों का समर्थन हासिल कर लिया है, लेकिन अल सुल्तान अब्दुल्ला ने यासीन को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया और नवंबर 2022 में अल सुल्तान अब्दुल्ला ने अनवर इब्राहिम को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया.

जेल की सजा के साथ ही जुर्माना भी

बता दें कि पूर्व राजा को लेकर मलेशिया की रूढ़िवादी मलय-केंद्रित विपक्षी गुट का नेतृत्व करने वाले मुहिद्दीन को दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही 5000 रिंगिट का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. हालांकि इसके अलावा उनपर पिछले साल भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आप भी लगाए गए थे.

यह भी पढ़ें-Japan: जापान के हवाई क्षेत्र का चीनी विमान ने किया उल्लंघन, उप विदेश मंत्री ओकानो ने भेजा समन

Latest News

“अद्भुत, अकल्पनीय और अविस्मरणीय क्षण”, संत-महात्‍माओं से मुलाकात में यूं आल्हादित हुए Acharya Pramod Krishnam

कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव के दौरान शुक्रवार, 02 मई को संत सुधांशु...

More Articles Like This