Morocco Gen Z protests : मोरक्को के राजा मोहम्मद VI संसद के उद्घाटन में एक अहम भाषण देने जा रहे हैं. बता दें कि हर बार के दौरान उनका इस बार भाषण काफी अहम माना जा रहा है. वो इसलिए क्योंकि देश के कई शहरों में नौजवान सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये प्रदर्शनकारी स्कूलों और अस्पतालों के लिए ज्यादा फंड की मांग कर रहे हैं.
इसके साथ ही 2030 FIFA वर्ल्ड कप की तैयारियों में अरबों रुपये खर्च करने का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में नौजवानों ने पत्र लिखकर मोरक्को के राजा से भ्रष्टाचार के मामलों में दखल देने की भी मांग की है. जानकारी देते हुए बता दें कि इसके कुछ ही समय पहले नेपाल में Gen Z ने अपने विरोध प्रदर्शन के जरिए देश की सत्ता पलट दी थी.
नौजवानों ने कई शहरों में किया प्रदर्शन
जानकारी के मुतबिक, 27 सितंबर से नौजवान मोरक्को के दर्जनों शहरों में जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में इस आंदोलन को ‘Gen Z 212’ नाम दिया गया है, जो कि मुख्य रूप से मोरक्को के डायलिंग कोड +212 से प्रेरित है. बता दें कि यह नौजवान सोशल मीडिया के TikTok और Discord जैसे प्लेटफॉर्म पर संगठित हुए हैं. ऐसे में साल 2011 की अरब स्प्रिंग के बाद यह नौजवानों का सबसे बड़ा आंदोलन माना जा रहा है. इस मामले को लेकर नौजवानों ने किंग को एक खुला पत्र भेजा है, जिसमें लिखा है कि ‘हम मोरक्को के नौजवान आपसे गुजारिश करते हैं कि आप निष्पक्ष सुधारों के लिए कदम उठाएं, ताकि लोगों को उनके हक मिलें और साथ ही भ्रष्ट लोगों को सजा दी जाए.’
नौजवानों ने किंग से जताई उम्मीद
जानकारी के मुताबिक, किंग मोहम्मद VI को कभी ‘गरीबों का किंग’ कहा जाता था, लेकिन अब देश में धीमी तरक्की और अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई से लोग नाराज हैं. बता दें कि कुछ ही महीने पहले तेतौआन में किंग ने अपने एक भाषण में कहा था कि ‘मैं तब तक संतुष्ट नहीं होऊंगा, जब तक हमारी उपलब्धियां हर वर्ग और हर इलाके के लोगों की जिंदगी को बेहतर न बना दें.’ ऐसे में लोगों ने उम्मीद जताई है कि आज के भाषण में राजा उनकी मांगों का जवाब देंगे.
नौजवानों का समर्थन करते हुए कार्यकर्ताओं ने लिखा पत्र
बता दें कि मोरक्को में राजा की आलोचना करना गैरकानूनी है, और नौजवानों ने अपने पत्र में उन्हें देश की सबसे बड़ी ताकत बताया है. इस मामले को लेकर ड्यूक यूनिवर्सिटी के राजनीति विशेषज्ञ अब्देसलम मघरौई का कहना है कि ‘लोग कह रहे हैं ‘किंग जिंदाबाद,’ लेकिन वे यह भी जाहिर कर रहे हैं कि असल ताकत उनके हाथों में है.’ 60 बुजुर्ग बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने भी नौजवानों का समर्थन करते हुए एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने किंग को ‘मोरक्को की असल सत्ता’ बताया. इसके साथ ही ये भी कहा कि सिर्फ प्रधानमंत्री को हटाने से बात नहीं बनेगी. देश की गहरी समस्याओं को हल करना होगा.
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