Nepal Gen-Z Protest : वर्तमान समय में नेपाल बड़े और भीषण जनआंदोलन का सामना कर रहा है. बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार विरोध के साथ-साथ राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ भी होनी शुरू हो गई है. ऐसे में यह आंदोलन खासतौर पर युवाओं के गुस्से का प्रतीक बन गया है,
बता दें कि नेपाल के इस आंदोलन का सबसे चौंकाने वाला पल तब आया जब प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की विदेश मंत्री आरज़ू राणा देउबा पर हमला कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में उन्हें अपने चेहरे से खून पोंछते हुए देखा जा सकता है. इतना ही नहीं बल्कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें उनके आवास में घुसकर लात-घूंसे मारे. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया.
नेपाल के पीएम ओली ने दिया इस्तीफ़ा
सबसे महत्वपूर्ण बात ननेपाल के इस आंदोलन के चलते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद प्रदर्शन और भी उग्र हो गए. ऐसे में हालात को देखते हुए सरकार ने 26 अपंजीकृत प्लेटफॉर्मों पर रोक लगा दी थी, जिनमें फेसबुक, यूट्यूब और एक्स शामिल थे. प्रतिबंध हटाने के बावजूद आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा. इस दौरान बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के साथ ही नेपाल की राजनीतिक स्थिति और अस्थिर हो गई है.
मौत और घायल होने वालों की बढ़ी संख्या
मीडिया रिपोर्ट के अनुससार इस जारी प्रदर्शन में 21 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. ऐसे में मेंवर्तमान समय में राजधानी काठमांडू की हालत सबसे खराब बताई जा रही हैं, जहां मंत्री तक भी सुरक्षित नहीं हैं. बता दें कि वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल पर तोड़फोड़ करने वाले गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया और वे दीवार से टकरा गए.
युवाओं ने नेताओं पर लगाया आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल जैसे गरीब देश में, जहां प्रति व्यक्ति आय केवल 1,400 डॉलर प्रतिवर्ष है, वहां राजनेताओं और उनके बच्चों की आलीशान प्रॉपर्टी और लग्जरी लाइफस्टाइल ने जनता के मन में आक्रोश पैदा कर दिया. इतना ही नही बल्कि युवाओं ने नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जनता की गरीबी में मजे कर रहे हैं. नतीजा यह हुआ कि आंदोलन धीरे-धीरे भ्रष्टाचार विरोधी जनक्रांति का रूप ले बैठा.
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