Kathmandu: नेपाल में एक बार फिर हालात खराब होने के संकेत मिल रहे हैं. देश में आम चुनाव से पहले सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करने की तैयारी चल रही है. इसी बीच गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल ने सभी संबंधित पक्षों से कहा है कि सड़क पर उतरने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने पांच मार्च को होने वाले आम चुनाव से पहले सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करने के बजाय कार्यवाहक सरकार के साथ बातचीत करने का आह्वान किया है.
अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करने वाले तत्व कर सकते हैं घुसपैठ
गृह मंत्रालय ने आम जनता को यह भी चेतावनी दी कि सोशल मीडिया के माध्यम से घोषित विरोध गतिविधियों में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करने वाले तत्व घुसपैठ कर सकते हैं. गृह मंत्री आर्यल ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत और चर्चा के लिए हमेशा तैयार है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास बलुवतार में आयोजित उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई.
सरकार राजनीतिक मांगों पर देती है ध्यान, इसलिए बातचीत जरूरी
आम चुनावों की तैयारियों और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी कुछ दिनों बाद यह बैठक हुई है. मंत्री की यह अपील ऐसे समय में आई है जब विभिन्न समूह विभिन्न मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आर्यल ने कहा कि सरकार राजनीतिक मांगों पर ध्यान देती है इसलिए बातचीत जरूरी है. सड़क पर उतरने की कोई जरूरत नहीं है. अपने अधिकारों की बात करते समय दूसरों के अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है.
सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आग्रह
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने सभी पक्षों से सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आग्रह किया. हम सभी राजनीतिक ताकतों और आंदोलनकारी समूहों से हिंसक गतिविधियां न करने का अनुरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बैठक में देश की वर्तमान सुरक्षा स्थिति का गहन मूल्यांकन किया गया. मंत्री ने कहा कि सरकार सुरक्षा-व्यवस्था को सामान्य बनाकर पांच मार्च के चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
धरना-प्रदर्शनों और विरोध कार्यक्रमों में भाग लेने से बचने का आग्रह
इस बीच गृह मंत्रालय ने एक बयान में आम जनता से सोशल मीडिया के माध्यम से घोषित धरना-प्रदर्शनों, रैलियों और विरोध कार्यक्रमों में भाग लेने से बचने का आग्रह किया है. मंत्रालय ने साथ ही चेतावनी भी दी कि ऐसी गतिविधियों में अस्थिरता पैदा करने वाले तत्व घुसपैठ कर सकते हैं.
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