North Korea: उत्तर कोरिया ने गुरुवार को अपने पूर्वी समुद्र की ओर कई शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और बढ़ गया है. साउथ कोरिया की सेना ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये मिसाइलें वोनसान बंदरगाह के पास से छोड़ी गईं, और माना जा रहा है कि ये कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं.
दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि मिसाइलें कितनी दूरी तक गईं. उत्तर कोरिया की इस हरकत के बाद दक्षिण कोरियाई सेना ने निगरानी बढ़ा दी है और इस लॉन्च की जानकारी अमेरिका और जापान को दी है.
साल 2025 में छठी बार लॉन्च की गई मिसाइल
बता दें कि उत्तर कोरिया ने साल 2025 में यह छठी बार मिसाइल लॉन्च किया है. इससे पहले 10 मार्च को उसने कई बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की थीं. उस दौरान अमेरिका और दक्षिण कोरिया अपनी सालाना सैन्य ड्रिल शुरू कर रहे थे.
हाल के महीनों में उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने अपने न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम को तेज कर दिया है. इसके साथ ही, वह यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस को हथियार और सैनिक भी भेज रहे हैं. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने बुधवार को बताया कि किम जोंग उन ने अपने हथियार कारखानों को तोप के गोले बनाने की रफ्तार बढ़ाने का आदेश दिया, क्योंकि वह रूस के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत बना रहे हैं.
रूस को सैन्य मदद दे रहा उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने पिछले महीने पहली बार स्वीकारा कि उसने रूस को 15 हजार सैनिक भेजे हैं, ताकि रूस के कुर्स्क इलाके को वापस लेने में मदद की जा सके, जो पिछले वर्ष यूक्रेन के कब्जे में चला गया था. दक्षिण कोरिया की खुफिया जानकारी के अनुसार, इनमें से करीब 5 हजार सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हो चुके हैं.
वॉशिंगटन और सियोल ने यह भी आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया रूस को तोप, गोले और बैलिस्टिक मिसाइलें जैसे कई सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है. इस ताजा मिसाइल लॉन्च ने क्षेत्र में चिंता का माहौल है. दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान मिलकर इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
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