New Delhi: श्रीलंका में चक्रवात दित्वा से तबाही के बाद भारत उसकी हरसंभव मदद कर रहा है. भारतीय सेना ने श्रीलंका में पांच हजार से अधिक प्रभावित लोगों को इलाज उपलब्ध कराया है. सैन्य सहायता को तेज करते हुए यहां भारतीय सेना ने एक अत्याधुनिक फील्ड हॉस्पिटल स्थापित किया है. ऐसे कठिन समय में भारत ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका की मदद कर रहा है. इससे भारत ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि क्षमता से अधिक महत्वपूर्ण करुणा है.
भीषण बाढ़ से यहां संकट गहराया
भारतीय सेना का यह दल श्रीलंका के सबसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्र में तैनात है जहां हजारों लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. श्रीलंका में चक्रवात के साथ आई भीषण बाढ़ से यहां संकट गहराया हुआ है. भारतीय सेना ने यहां मुसीबत में फंसे लोगों को बचाने के लिए 18 घंटे की कठिन यात्रा की. भारतीय दल को कोलंबो पहुंचने के बाद बाढ़ग्रस्त इलाके तक पहुंचने में लगभग 18 घंटे का समय लगा. रास्ते में कई सड़कें धंसी हुई थीं. पुल क्षतिग्रस्त थे और बिजली व पानी की आपूर्ति बाधित थी.
रातभर काम करके अस्पताल का किया निर्माण
इसके अलावा संचार व्यवस्था लगभग ठप पड़ी थी. ऐसी स्थिति में भी भारतीय सैनिकों ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर एक खाली पड़े पार्किंग क्षेत्र को पूरी तरह कार्यशील फील्ड हॉस्पिटल में बदल दिया. सेना ने यहां रातभर काम करके अस्पताल का निर्माण किया. इसके साथ ही बिजलीए पानी और नेटवर्क भी बहाल किया गया है. इंजीनियर और मेडिकल टीमों ने रातभर काम करके पोर्टेबल जनरेटर लगाया.
एक संचार केंद्र स्थापित
इसके कारण क्रिटिकल केयर, सर्जरी और जीवनरक्षक सेवाओं के लिए निर्बाध बिजली सुनिश्चित की गई. स्थानीय प्रशासन की सहायता से नियमित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गई है. सेना के अधिकारियों ने यहां एक संचार केंद्र स्थापित किया है, जिससे भारत और लॉजिस्टिक चैनलों व श्रीलंकाई एजेंसियों से रियल टाइम संपर्क बहाल हो सका. इन प्रयासों ने राहत कार्यों को अत्यधिक गति दी. आधुनिक तकनीकों ने अस्पताल के त्वरित निर्माण और प्रभावी संचालन में अहम भूमिका निभाई है.
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