Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में भारत के रुख को एक बार फिर स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को बता दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि क्वाड और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का 25 अप्रैल को जारी बयान हमारे लिए महत्वपूर्ण है. इसमें कहा गया है कि आतंकवाद के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह बयान हमारे लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमें दुनिया को बताना होगा कि हमने क्या किया? सात मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य यह है कि अगर आतंकवादी हमले होते हैं, तो हम अपराधियों, समर्थकों, वित्तपोषकों और समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. यह संदेश बहुत स्पष्टता के साथ दिया गया था. विदेश मंत्री ने कहा कि हमने क्वाड के साथ-साथ विश्व स्तर पर अपने समकक्षों के साथ आतंकवाद की प्रकृति को साझा किया. भारत इसका कई दशकों से सामना कर रहा है. हम आज इसका बहुत दृढ़ता से जवाब देने के लिए दृढ़ हैं और हमें अपना बचाव करने का अधिकार है.
अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात को लेकर जयशंकर ने कहा कि रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक अच्छी रही. दोनों नेताओं ने अनिवार्य रूप से पिछले छह महीनों की चर्चा का जायजा लिया और आगे की राह पर विचार किया. इसमें व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा, ऊर्जा और गतिशीलता पर चर्चा शामिल थी. मैंने रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और ऊर्जा सचिव क्रिस राइट के साथ अलग-अलग बैठकें कीं.
रूस से तेल खरीदने वाले देशों से आयात पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अमेरिकी योजना पर विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस में होने वाला कोई भी घटनाक्रम भारत के लिए दिलचस्पी का विषय है. अगर यह हमारे हित को प्रभावित करता है या हमारे हित को प्रभावित कर सकता है, भारतीय दूतावास और अधिकारी इस मुद्दे पर अमेरिकी सीनेटर ग्राहम के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऊर्जा सुरक्षा में हमारी चिंताओं और हमारे हितों से उन्हें अवगत करा दिया गया है. इसलिए जब हम उस पुल पर पहुंचेंगे, तो हमें उसे पार करना होगा.