भारतीय मिसाइलों की गड़गड़ाहट से पाकिस्‍तान का छूटा पसीना, नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड बनाने का किया ऐलान  

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुंह की खाए पाकिस्‍तान ने अब एक नई रॉकेट फोर्स कमांड बनाने का ऐलान किया है. दरअसल, गुरुवार को पाकिस्‍तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड (ARFC) बनाने का ऐलान किया.

पाकिस्‍तान चीन की पीएलए-रॉकेट कमांड की तर्ज पर ही अपनी रॉकेट फोर्स खड़ी करने की योजना बना रहा है. क्‍योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की एयर डिफेंस से जुड़ी कोई भी रक्षा प्रणाली भारत की ब्रह्मोस और स्कैल्प जैसी मिसाइलों को काउंटर करना तो दूर डिटेक्ट तक नहीं कर पाई थी. इसके साथ ही पाकिस्‍तान की तरफ से भारत के सैन्य ठिकानों पर लॉन्च की गई मिसाइलें और रॉकेट को भारत ने आसमान में ही मार गिराया.

पाकिस्तान की अपनी कोई फुल कमांड नहीं

ऐसे में भारत के खिलाफ पूरी तरह विफल होने के बाद शहबाज शरीफ ने रॉकेट फोर्स कमांड बनाने का ऐलान किया है. हालांकि, पाकिस्तान की अपनी अभी तक कोई फुल कमांड नहीं है. दरअसल, भूगौलिक तौर से कम क्षेत्रफल होने के चलते, पाकिस्तानी सेना, कोर-फॉर्मेशन पर गठित है. वहीं, भारतीय सेना, सात अलग-अलग कमांड पर केंद्रित है. उनकी ट्रेनिंग कमांड को छोड़कर बाकी सभी ऑपरेशनल कमांड के अधीन, तीन कोर हैं.

चीन की पीएलए एक अलग कमांड का हिस्‍सा

बता दें कि चीन की पीएलए-रॉकेट कमांड में मिसाइल, थलसेना या वायुसेना का नहीं बल्कि एक अलग कमांड का हिस्सा होती हैं. ऐसे में सभी तरह के छोटी दूरी से लेकर मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को लॉन्च करने की जिम्मेदारी इस रॉकेट फोर्स कमांड की होती है.

वायु सेना के इन लड़ाकू विमानों ने निभाई अहम भूमिका

भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के मुरीदके और जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर को मिसाइल के अटैक में पूरी तरह तबाह कर दिया था, जिसमें रफाल (राफेल) फाइटर जेट ने अहम भूमिका निभाई थी. वहीं, पाकिस्तानी वायुसेना के एयरबेस को बर्बाद करने के लिए वायुसेना के सुखोई (सु-30 एमकईआई) लड़ाकू विमानों ने ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा, भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को, पाकिस्तान की एक भी एयर डिफेंस मिसाइल डिटेक्ट करने में नाकाम रही थी.

पाकिस्‍तानी एयर डिफेंस पर खडे हो रहे सवाल

वहीं, भारत के इस कार्रवाई का पाकिस्‍तानी मिसाइलों ने जवाब देने की कोशिश जरूर किया था, लेकिन उसे आसमान में ही भारत की एमआरसैम यानी मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (बराक-8) ने सिरसा के आसमान में मार गिराया था, जिसके बाद से पाकिस्‍तान की मिसाइल और एयर डिफेंस प्रणाली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.

पड़ोसी देश में गोला-बारूद की भी किल्‍लत  

खास बात ये है कि ऑपरेशन सिंदूर के तीन महीने बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने रॉकेट फोर्स खड़ी करने का ऐलान किया है. ऐसे में पहले से ही खराब अर्थव्यवस्था से जूझ रही पाकिस्तानी सेना के लिए नई रॉकेट फोर्स खड़ी करना भी थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि पाकिस्तानी सेना के टैंक को चलाने के लिए तेल नहीं है तो ट्रेनिंग करने के लिए जरूरी गोला-बारूद की भी किल्लत है.

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