80 फीसदी सूखा सिंधु नदी…, पड़ोसी मुल्क में किसानों और मछुआरों के पतन का कारण बना समुद्री जल, 12 लाख लोग पलायन को मजबूर

Pakistan : पाकिस्तान के सिंधु डेल्टा पर मौजूद गांव को छोड़ने से पहले हबीबुल्लाह खट्टी अपनी मां को अंतिम विदाई देने के लिए उनकी कब्र पर जा रहे हैं. जानकारी देते हुए बता दें कि यह वह इलाका है जहां सिंधु नदी अरब सागर में मिलती है. ऐसे में यहां मौजूद डेल्टा समुद्र के जल की एंट्री किसानों और मछुआरों के पतन का कारण बना.  इस दौरान हबीबुल्लाब खट्टी ने एएफपी से बात करते हुए बताया कि खारो चान कस्बे के अब्दुल्ला मीरबहार गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर तक हमें खारे पानी ने घेर लिया है.

ऐसे में यहां मछली पकड़ने के काम में कमी आई. इसके बाद भी हमने सिलाई का काम शुरु किया, लेकिन अब यह भी मुश्किल हो गया है क्योंकि 150 घरों में से केवल चार ही बचे. जानकारी देते हुए खट्टी ने बताया कि शाम के समय इलाके में अजीब सा सन्नाटा छा जाता है, आवारा कुत्ते खाली पड़े लकड़ी और बांस के बने घरों में घूमते हैं. उन्‍होंने ये भी बताया कि खारो चान में लगभग 40 गांव थे लेकिन समुद्र के बढ़ते पानी के कारण सब गायब हो गए हैं.

12 लाख से ज्यादा लोगों ने किया पलायन

वर्तमान समय में आंकड़ों को देखते हुए शहर की आबादी 1981 में 26,000 से घटकर 2023 में 11,000 रह गई है. इस दौरान हालात को देखते हुए खारो चान अपने परिवार को कराची ले जाने की तैयारी कर रहे हैं, जो आर्थिक रूप से पाकिस्तान का बड़ा शहर है.

जानकारी के मुताबिक, मछुआरा समुदायों के लिए काम करने वाले पाकिस्तान फिशरफोक फोरम का कहना है कि डेल्टा के तटीय जिलों से हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. इसके साथ ही पूर्व जलवायु परिवर्तन मंत्री के नेतृत्व वाले थिंक टैंक, जिन्ना इंस्टीट्यूट की ओर से मार्च में प्रकाशित एक स्टडी के दौरान पिछले दो दशकों में पूरे सिंधु डेल्टा क्षेत्र से 12 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.

80 फीसदी कम हुआ पानी 

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार 1990 के बाद से पानी की लवणता लगभग 70 प्रतिशत बढ़ गई है, ऐसे में फसलें उगानें में काफी परेशानी हो रही है और झींगा और केकड़े की आबादी गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. स्थानीय डब्ल्यूडब्ल्यूएफ संरक्षणवादी मुहम्मद अली अंजुम ने कहा कि डेल्टा डूब रहा है और सिकुड़ रहा है.

डेल्टा को पुनर्स्थापित करने की कोशिश

ब्रिटिश शासन के दौरान सिंधु नदी सबसे पहले नहरों और बांधों के जरिए इसके रास्ते को बदला और साथ ही जल्‍द में ही इस पर कई जलविद्युत परियोजनाए शुरु की गईं. इस मामले को लेकर साल की शुरुआत में किसानों के विरोध के बाद सिंधु नदी पर कई नहर परियोजनाओं को रोक दिया गया था.

बता दें कि क्षेत्र में काफी प्रभाव पड़ने से सिंधु नदी बेसिन के क्षरण को रोकने के लिए, सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने 2021 में ‘लिविंग इंडस इनिशिएटिव’ शुरू किया. जानकारी देते हुए बता दें कि एक पहल मिट्टी की लवणता को कम करके साथ ही स्थानीय कृषि एवं इकोसिस्टम की सुरक्षा करके डेल्टा को पुनर्स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.

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