Pakistan Minorities Atrocity : वैसे तो हर किसी को पता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों के साथ आम नागरिकों के अलावा उनकी सरकार भी भेदभाव करती है. बता दें कि पाकिस्तान सरकार के इस कारनामे पर अब अमेरिका ने भी गौर किया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी के दमन और उनके खिलाफ सरकार की भेदभाव पूर्ण पॉलिसी पर चिंता जताई है.
दरअसल, पाकिस्तान की टॉप मानवाधिकार संस्था ने इस साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट रिलीज की थी और उसमें कहा गया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है. इतना ही नही बल्कि हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है. इस मामले को लेकर अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष सीनेटर जिम रिश्च ने सोशल मीडिया पोस्ट में पाकिस्तान को घेरा.
अमेरिकी सीनेटर ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को घेरा
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ”पाकिस्तान की सरकार ईशनिंदा कानून और अन्य भेदभावपूर्ण पॉलिसी को लागू करके अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक आजादी का दमन जारी रखे हुए है. साथ ही यहां मॉब वॉयलेंस, हेट स्पीच, मनमानी गिरफ्तारियों के साथ जबरन धर्मांतरण की वजह से असहिष्णुता का माहौल अक्सर अनियंत्रित बना रहता है.”
मानवाधिकार आयोग ने PAK की खोली पोल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग यानी HRCP ने अगस्त में ‘‘स्ट्रीट्स ऑफ फियर: फ्रीडम ऑफ रिलिजन ऑर बिलीफ इन 2024/25’’ के नाम से रिपोर्ट जारी की थी. उसमें कहा गया कि ईशनिंदा के आरोप में अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग किए जाने का चलन बढ़ा है.
रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को दी धमकियां
इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी माना गया था कि हेट स्पीच में बढ़ोतरी हुई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को धमकियां दी गई और निर्वाचित प्रतिनिधियों की सार्वजनिक तौर पर निंदा तक शामिल है. इस दौरान रिपोर्ट में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार से आग्रह किया गया कि वह ईशनिंदा के संबंध में एक जांच आयोग का गठन करे.
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