Pakistan News: पाकिस्तान इस समय लगातार अमेरिका से दोस्ती कर अपनी वैश्विक छवि को मजबूत करने में जुटा हुआ है. इस बीच अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है कि वो गाजा में शांति बल भेजे, जिनका काम गाजा में कुछ समय के लिए शांति बनाए रखना, वहां का पुनर्निर्माण करना और आर्थिक सुधार में मदद करना होगा.
ट्रंप की गाजा के लिए 20-पॉइंट योजना में मुसलमान बहुल देशों की सेनाओं को गाजा में भेजने का सुझाव दिया गया है. इन सैनिकों का काम गाजा में कुछ समय के लिए शांति बनाए रखना, वहां का पुनर्निर्माण करना और आर्थिक सुधार में मदद करना होगा.
गाजा में शांति को लेकर पाकिस्तान ने यूएस का किया समर्थन
आसिम मुनीर पर लगातार अमेरिका के दबावों के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ किया है कि पाकिस्तान ने गाजा में शांति स्थापना के प्रयासों में शामिल होने की इच्छा जताई है, हालाकि अभी तक कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है. इसके साथ ही रूबियों ने ये भी कहा कि अमेरिका पहले सभी पक्षों को इसको लेकर जरूरी जानकारी देगा, उसके बाद ही किसी देश से ठोस प्रतिबद्धता मांगी जाएगी.
रुबियो ने पाकिस्तान का जताया आाभार
अमेरिका के विदेश सचिव मार्को रुबियो ने शुक्रवार को पुष्टि की कि हम पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के लिए बहुत आभारी हैं कि वो इसमें हिस्सा बनने पर विचार करें, या कम से कम इस पर विचार करने की पेशकश करें. मुझे लगता है कि हमें किसी से ठोस प्रतिबद्धता मांगने से पहले उन्हें कुछ और जवाब देना चाहिए.
रुबियो की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब लगातार सामने आ रहा है कि वॉशिंगटन पाकिस्तान पर सैनिक भेजने का दबाव बना रहा है. इस हफ्ते की शुरुआत में आई रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर अपनी बढ़ी हुई ताकत की पहली बड़ी परीक्षा का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर सैनिक भेजने का दबाव बना रहा है. वहीं, दूसरी तरफ अगर पाकिस्तान सैनिक गाजा में भेजता है तो उसके अपने ही नागरिक उसके खिलाफ हो सकते हैं.
पाकिस्तान का क्या है रुख?
वहीं, पाकिस्तान की तरफ से भी स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल गाजा के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल में सैनिक भेजने पर कोई फाइनल निर्णय नहीं हुआ है. हालांकि इससे पहले विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान शांति मिशन में भूमिका निभाने पर विचार कर सकता है, लेकिन हमास को हथियार छोड़ने के लिए मजबूर करना हमारा काम नहीं है.
डॉन के मुताबिक, गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने कहा कि ISF में पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर फिलहाल बल में शामिल होने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. बता दें कि ISF एक अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता बल है, जिसे गाजा जैसे संघर्ष-प्रभावित इलाके में अस्थायी तौर पर तैनात करने का प्रस्ताव है.
अमेरिका दौरे पर जा सकते है आसिम मुनीर
इसी बीच यह भी खबर सामने आई है कि आसिम मुनीर जल्द ही वाशिंगटन जा सकते हैं, जिसे काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरे के दौरान मुनीर डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते है. बता दें कि पिछले 6 महीनों में ट्रंप के साथ असिम मुनीर की यह तीसरी मुलाकात होगी. हालांकि इस बातचीत में गाजा स्थिरीकरण योजना शामिल होने की उम्मीद है.
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