Pakistan Nuclear Tests : वर्तमान में पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के तनातनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये कह कर बम फोड़ दिया है कि पाकिस्तान अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट करने में जुटा है. इतना ही नही बल्कि ट्रंप ने ये भी कहा कि हल्के-हल्के भूकंप के झटके इन एटमी परीक्षण के कारण आ रहे हैं. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के कई ठिकानों को ध्वस्त किया गया था. जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पाकिस्तान की न्यूक्लियर का भंडाफोड़
जानकारी देते हुए बता दें कि भारत के इन हमलों में पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पूरी तरह बर्बाद हो गए थे. यही कारण है कि पीएम मोदी और भारतीय सेना ने कहा था कि इन हमलों के बाद पाकिस्तान की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग का भंडाफोड़ हो गया है. ऐसे में भारत के इन दावों के बीच ट्रंप का बयान बेहद अहम माना जा रहा है. इसके साथ ही अमेरिका भी अब 33 वर्ष बाद न्यूक्लियर टेस्ट करने जा रहा है.
ट्रंप का न्यूक्लियर टेस्ट को लेकर दावा
इस मामले को लेकर मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि ये (रूस, चीन इत्यादि) परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम मिसाइलों का परीक्षण कर रही हैं, न कि न्यूक्लियर टेस्ट, ऐेसे में ट्रंप का कहना है कि सभी देश अमेरिका की तरह खुले विचारों के नहीं हैं. इन देशों में परमाणु परीक्षणों के बारे में कोई रिपोर्टिंग नहीं होती है. इतना ही नही ट्रंप ने ये भी कहा कि इन परीक्षणों को धरती के नीचे किया जाता है, जिससे किसी को कानो-कान खबर नहीं लगती, लेकिन इन परीक्षणों के दौरान धरती में हल्की कंपन (झटके) जरूर होती है.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर भूकंप के झटके
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर कई दिनों तक हल्के-हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि कंपन, पाकिस्तान के परमाणु टेस्ट के चलते हो सकते हैं, लेकिन इस बात साबित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका और पाकिस्तान काफी करीब आए हैं. इसके साथ ही ट्रंप के निमंत्रण पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस का दौरा किया था. ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि मुनीर या फिर शहबाज ने ही परमाणु परीक्षण की जानकारी ट्रंप को दी है.
रूस के पस हथियारों का भंडार
जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में पीएम मोदी ने परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत की पहली पेट्रोलिंग पर देश के न्यूक्लियर ट्रायड यानी जल, थल और आकाश में परमाणु शक्ति बनने की जानकारी दी थी. बता दें कि इनमें सबसे ज्यादा रूस के भंडार में 5580 हैं. 5328 हथियारों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर और चीन (500) तीसरे स्थान पर है. इंग्लैंड और फ्रांस के पास क्रमश: 225 और 290 हैं, जबकि उत्तर कोरिया के पास 50 और इजरायल के पास 90 हैं.
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