भारत से पानी रोके जाने का अब दिखा असर, पाक में किसान से लेकर सरकार परेशान, बुलाई गई आपात बैठक

Islamabad: भारत की ओर से सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) को सस्पेंड करने के बाद से पाकिस्तान परेशान है. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को भारत द्वारा पानी के हथियारीकरण को लेकर गंभीर चिंता जताई. जानकारी मिल रही है कि चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक हुए उतार-चढ़ाव ने पंजाब के किसानों के बीच चिंता पैदा कर दी. पाकिस्तान जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (वापडा) की दैनिक रिपोर्टों के अनुसार चिनाब नदी पर मराला हेडवर्क्स में पानी के इनफ्लो और आउटफ्लो से जुड़ी स्थिति 9 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच चिंताजनक पाई गई.

पानी के आने और जाने की निगरानी

इन तारीखों के दौरान मराला पर पानी के आने और जाने की निगरानी की गई, जिसमें 9 दिसंबर को क्रमशः 10,100 और 3,800 क्यूसेक और 10 दिसंबर को 6,900 और 1,500 क्यूसेक दर्ज किए गए. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक हुए बदलाव को लेकर भारत से पत्र के माध्यम से स्पष्टीकरण मांगा है. इसके एक दिन बाद बाद ही इस्लामाबाद में इशाक डार ने राजनयिक कोर के लिए एक आपात मीडिया ब्रीफिंग की.

भारत द्वारा की गई ठोस उल्लंघन की कार्रवाइयाँ

डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी ब्रीफिंग की शुरुआत में डार ने कहा कि वह एक ऐसी स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं जो दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है. उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल में हमने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा तौर पर स्थगित करने का कदम देखा था. लेकिन, अब जो हम देख रहे हैं, वह भारत द्वारा की गई ठोस उल्लंघन की कार्रवाइयाँ हैं, जो IWT की मूल भावना पर सीधा प्रहार करती हैं और जिनके क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून की पवित्रता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं.

पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद IWT स्थगित

भारत ने अप्रैल में कश्मीर के कब्ज़े वाले इलाके के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद IWT को स्थगित कर दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी. भारत ने इसके लिए इस्लामाबाद को जिम्मेदार ठहराया. इसके तुरंत बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ और 4 दिन की लड़ाई के बाद पाकिस्तान के आग्रह पर भारत ने सीजफायर स्वीकार किया. हालांकि भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह ऑपरेशन अब भी जारी है. वहीं पाकिस्तान ने संधि के तहत अपने जल हिस्से को निलंबित करने की किसी भी कोशिश को युद्ध की कार्रवाई करार दिया था.

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