PM Modi Bhutan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को भूटान की राजधानी थिम्पू में भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (Jigme Singye Wangchuck) से मुलाकात की. अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में भी हिस्सा लिया.
भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने के प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने महामहिम, भूटान के चौथे नरेश की 70वीं जयंती पर उन्हें हार्दिक बधाई दी और भारत सरकार एवं जनता की ओर से उनके निरंतर अच्छे स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए शुभकामनाएं एवं प्रार्थनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने भारत-भूटान मैत्री को और सुदृढ़ बनाने में उनके नेतृत्व, परामर्श और मार्गदर्शन के लिए चौथे नरेश का धन्यवाद किया.
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और पारस्परिक हित से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. इस दौरान उन्होंने भारत और भूटान के बीच साझा आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित किया, जो दोनों देशों के लोगों को और अधिक निकट लाती है.
An accomplished spiritual master, Prime Minister @narendramodi, inaugurated and blessed the sacred Kalachakra Empowerment which began today as part of the ongoing Global Peace Prayer Festival. pic.twitter.com/mgbCKGdhnx
— Tshering Tobgay (@tsheringtobgay) November 12, 2025
पीएम मोदी का एक्स पोस्ट
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मुलाकात की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “महामहिम चतुर्थ नरेश के साथ एक अच्छी बैठक हुई. भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में उनके व्यापक प्रयासों की सराहना की. ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में सहयोग पर चर्चा हुई. गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना की प्रगति की सराहना की, जो हमारी एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप है.”
འབྲུག་གི་རྒྱལ་པོ་འཇིགས་མེད་གེ་སར་རྣམ་རྒྱལ་དབང་ཕྱུག་དང་ རྒྱལ་དབང་འབྲུག་རྒྱལ་བཞི་པ་མཆོག་དང་གཅིག་ཁར་དུས་འཁོར་དབང་ཆེན་་ནི་ (Wheel of Time Empowerment) འགོ་འབྱེད་འབད་ནིའི་གོ་སྐབས་ཐོབ་ཅི།
། ཞལ་འཛོམས་དེ་ཡང་ མི་དབང་མཆོག་གིས་ འགོ་འདྲེན་འཐབ་ཡོདཔ་ད་སྐྱབས་རྗེ་རིན་པོ་ཆེ་མཆོག་ཡ་འགྱོན་ གནང་ཡི།… pic.twitter.com/xJMHzKH2QB— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2025
इससे पहले मंगलवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चौथे नरेश की 70वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लिया. इस मौके पर उन्होंने भारत और भूटान के बीच स्थायी मित्रता और साझा आध्यात्मिक संबंधों की पुष्टि की.
भूटान के दूरदर्शी राजा
11 नवंबर, 1955 को जन्मे जिग्मे सिंग्ये वांगचुक ने भूटान के चौथे नरेश के रूप में कार्य किया. उनका शासनकाल 1972 से 2006 तक चला और उन्हें भूटान के सबसे दूरदर्शी और प्रिय राजाओं में से एक माना जाता है. उनके नेतृत्व में, भूटान का आधुनिकीकरण हुआ, राष्ट्रीय एकता मजबूत हुई और एक अद्वितीय सुख-आधारित दर्शन अपनाया गया जिसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली. प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने ऊर्जा, क्षमता निर्माण, संपर्क, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा सहित सहयोग के व्यापक क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की थी.
भारत और भूटान की ऊर्जा साझेदारी
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के नरेश ने संयुक्त रूप से 1020 मेगावाट क्षमता वाली पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया. यह परियोजना भारत और भूटान के बीच एक प्रमुख सहयोग को दर्शाती है और दोनों देशों के बीच बढ़ती ऊर्जा साझेदारी को उजागर करती है.
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