PM Modi in Canada for G7 : पीएम मोदी कैलगरी, कनाडा पहुंच चुके हैं और आयोजित 51वें G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया में ईरान और इजरायल के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. वहीं उससे पहले साइप्रस दौरे के दौरान उन्होंने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स के साथ विस्तार से बातचीत की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई.
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को “स्मरणीय” बताया और पीएम मोदी ने भी साइप्रस के राष्ट्रपति और वहां की जनता का गर्मजोशी और शानदार मेजबानी के लिए आभार व्यक्त किया. इस दौरान पीएम मोदी इन दिनों चार दिन के तीन देशों के दौरे पर हैं, जिसमें साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया शामिल हैं.
भारत के साथ रिश्ते सुधारने की मंशा
ऐसे में पीएम मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी सहित कई अन्य G7 और आमंत्रित देशों के नेताओं से द्विपक्षीय बैठकें तय हैं. बताया जा रहा है कि कार्नी द्वारा मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करके कनाडा की नई सरकार भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की मंशा रखती है, बता दें कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच बेहद तनावपूर्ण हो गए थे.
ट्रंप से पीएम मोदी के मिलने की संभावना बेहद कम
प्त जानकारी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ देर में समिट को बीच में छोड़कर अमेरिका लौट जाएंगे. ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप ने फैसला लिया है कि मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दिन पहले ही जी-7 शिखर सम्मेलन से चले जाएंगे. इस दौरान पीएम मोदी से ट्रंप के मिलने की संभावनाएं बेहद कम हैं.
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
इसके साथ ही यात्रा के पहले ही विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि पीएम मोदी G7 देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, तकनीक और नवाचार, AI और ऊर्जा के अहम वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे.
पीएम मोदी साझा करेंगे विचार
पीएम मोदी होने वाली G7 आउटरिच समिट में हिस्सा लेंगे और वहां अपने विचार साझा करेंगे. बता दें कि इस समिट का फोकस तीन प्रमुख विषयों पर रहेगा:
- दुनियाभर में समुदायों की सुरक्षा
- ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल परिवर्तन को तेज करना
- भविष्य की साझेदारियों को सुरक्षित बनाना
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