ASEAN Summit: आसियान समिट में पीएम मोदी ने राष्ट्राध्यक्षों को भेंट किये ये अनोखे उपहार, जानिए…

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

ASEAN Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय लाओस यात्रा समाप्त हो गई है. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया. वहीं, पीएम मोदी ने 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रमुखों से मुलाकात कर भारतीय संस्कृति से जुड़े उपहार भेंट किये. ये उपहार भारत के विभिन्न क्षेत्रों की पहचान से ताल्लुक रखते हैं. आइए जानते हैं पीएम मोदी ने किस देश के राष्ट्राध्यक्ष को क्या उपहार दिए हैं.

जापान के पीएम को अनोखा गिफ्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम को अनोखा चांदी का लैंप भेंट किया. यह कीमती पत्थरों से जड़ा झालर वर्क के साथ बनाया गया भारतीय शिल्प कौशल का उत्कृष्ट नमूना है. 92.5% चांदी से निर्मित चांदी का लैंप महाराष्ट्र के कोल्हापुर की कलात्मकता का प्रमाण है. पीएम मोदी ने मीना कार्य के साथ बनी पुरानी पीतल की बुद्ध प्रतिमा भी भेंट की. इसका संबंध तमिलनाडु राज्य से है. कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया गया यह उपहार दक्षिण भारतीय शिल्प कौशल और बौद्ध दर्शन का सार प्रस्तुत करता है.

चांदी की नक्काशी वर्क वाला मोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड के पीएम को चांदी की नक्काशी वर्क वाली मोर की मूर्ति भेंट की. बेमिसाल नक्काशी के लिए देश विदेश में प्रसिद्ध यह कलाकृति पश्चिम बंगाल की संस्कृति की पहचान है. शाही मोर में भारतीय संस्कृति में सुंदरता देखते ही बनती है. कलाकार ने मोर के अलग-अलग पंखों को बारीकी से उकेरा है. जो बेहद ही खूबसूरत है.

अनूठी कलाकृति का अनोखा उपहार

पीएम मोदी ने लाओस के राष्ट्रपति को पाटन का पटोला स्कार्फ भेंट किया. पटोला का अर्थ रेशमी वस्त्र है. यह उत्तर गुजरात की प्राचीन परंपरा का हिस्सा है. इसका प्रचलन 11वीं शताब्दी में मिलता है. इस कला का समृद्ध इतिहास सदियों पुराना है. ऐसा माना जाता है इसकी उत्पत्ति सूरत में हुई. वहीं, पीएम ने लाओस के राष्ट्रपति की पत्नी को राधा-कृष्ण थीम पर आधारित एक अनूठी कलाकृति भेंट की.

लद्दाख की संस्कृति की पहचान

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस पीडीआर के प्रधानमंत्री को लद्दाख की संस्कृति की पहचान सजावटी बर्तन के साथ हस्तनिर्मित पारंपरिक शिल्प कौशल से तैयार मेज भेंट की. यह उपहार वस्तु लद्दाख की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है. यह कलाकृति लद्दाख के कारीगरों के कौशल को उजागर करती है. इससे जाहिर होता है लद्दाख के कलाकार अपनी कलाओं में समृद्ध परंपरा को कितनी शिद्दत से संजोय हुए हैं.

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