Pope Francis: 21 अप्रैल को 88 वर्ष की आयु में पोप फ्रांसिस का निधन हो गया. उन्होनें 12 वर्षों तक रोमन कैथोलिक चर्च का नेतृत्व किया. 266वें पोप के रूप में सेवा देने वाले पोप फ्रांसिस वेटिकन सिटी के प्रमुख भी थे. उनके निधन के बाद देश-दुनिया से प्रतिक्रिया आईं, सभी ने शोक जताया, लेकिन ऐसे में ही एक मुल्क ऐसा भी है, जिसने पोप फ्रांसिस के निधन के बाद एक पोस्ट किया और फिर उसे तुरंत डिलीट भी कर दिया.
हालांकि आज के इस हाईटेक दुनिया में वो उसे सुर्खियां बटोरने से नहीं रोक सके. दरअसल, पोप फ्रांसिस के निधन के बाद इजरायल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक शोक संदेश पोस्ट किया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसे डिलीट भी कर दिया. अधिकारियों ने बाद में इसे गलती से किया हुआ पोस्ट बताया. वहीं, इसके हटाने का कारण गाजा में इजरायल की कार्रवाइयों की पोप की मुखर निंदा बताया गया.
इजरायली विदेश मंत्रालय ने दिया ये निर्देश
दरअसल, इजरायल के विदेश मंत्रालय ने सभी राजनयिक मिशनों को इस तरह के किसी भी पोस्ट को हटाने और वेटिकन दूतावासों में शोक संदेश पुस्तिकाओं पर हस्ताक्षर करने से परहेज करने का निर्देश दिया है. हालांकि यह निर्देश बिना किसी स्पष्टीकरण के आया, जिससे कई राजनयिक हैरान हो गए. ऐसे में ही एक राजनयिक ने बताया कि हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला, सिर्फ हटाने का एक स्पष्ट आदेश मिला. ऐसे में जब सवाल किया तो बताया गया कि यह मुद्दा ‘समीक्षा के अधीन’ है.
दरअसल, कैथोलिक बहुल देशों में तैनात राजदूतों ने विशेष चिंता व्यक्त की है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि इस तरह के अचानक और अस्पष्ट निर्णय से वैश्विक कैथोलिक समुदाय लग-थलग पड़ सकता है.
इजरायल ने पोप फ्रांसिस पर लगाए ये आरोप
बता दें कि आमतौर पर पोप संघर्ष के मुद्दों पर कम ही बोलते थे, लेकिन हाल में वो गाजा में इजराइल की बमबारी को लेकर कुछ ज्यादा ही मुखर रहे थे. ऐसे में इजरायल द्वारा लगातार गाजा में की जा रही बमबारी को उन्होंने क्रूरता करार दिया था, जिसके बाद इजरायल ने पोप फ्रांसिस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया.
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